मथुरा, 21 जुलाई (एएनएस)। बहुचर्चित राजा मानसिंह हत्याकांड में जिला जज साधना रानी ठाकुर ने 11 पुलिसकर्मियों को दोषी ठहराते फैसला सुरक्षित रख लिया है। हत्याकांड से अलग तीन आरोपियों को अदालत ने बरी कर दिया है। दोषी ठहराए गए सभी अभियुक्तों को कड़ी सुरक्षा में अस्थाई जेल भेज दिया गया। अभियुक्तों की सजा पर बुधवार (कल) निर्णय सुनाया जाएगा।
भरतपुर के राजा मानसिंह और उनके दो साथियों ठाकुर सुम्मेर सिंह व हरी सिंह की राजस्थान पुलिस ने 21 फरवरी 1985 को मुठभेड़ में हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड के बाद राजा मानसिंह के दामाद विजय सिंह ने तत्कालीन डीग सीओ कान सिंह भाटी, थाना प्रभारी वीरेंद्र सिंह सहित अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जयपुर सेशन कोर्ट में मामले की सुनवाई शुरू हुई थी। पीड़ित पक्ष के प्रार्थना पत्र पर सर्वोच्च न्यायालय ने दिसंबर 1990 में मुकदमे की सुनवाई मथुरा जिला जज की अदालत में शुरू हुई। जिला जज साधना रानी ठाकुर ने सीओ कानसिंह भाटी सहित 11 पुलिसकर्मियों को राजा मानसिंह, ठाकुर सुम्मेर सिंह व हरी सिंह की हत्या का दोषी करार देते हुए पुलिस कस्टडी में जेल भेजने के आदेश दिए।
बुधवार को अदालत सभी की सजा पर फैसला सुनाएगी। पीड़ित के अधिवक्ता नारायण सिंह विप्लवी ने बताया कि अदालत ने सभी 11 लोगों को एक राय होकर हत्या करने और बलवे का दोषी ठहराया है। सजा पर अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। इस दौरान अदालत में सीबीआई की ओर से अधिवक्ता विपिन कुमार व नीलेश मलिक भी मौजूद रहे।