खुद को आईजी बता करता था शराब व असलहे की तस्करी, बरामद सामान देख पुलिस हैरान

राष्ट्रीय
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मोहाली (पंजाब), 13 जनवरी (ए)। पंजाब में एसआईटी और आबकारी विभाग के छापे में लुधियाना से एक ऐसा शख्स पकड़ में आया है जो स्वयं को पुलिस का आईजी बताता था और उसकी आड़ में शराब व असलहे की तस्करी में लिप्त था सस्ती शराब को ब्रांडेड बोतलों में भरकर महंगे दाम पर बेचने वाले गिरोह के तार चंडीगढ़ से जुड़े हैं। एसआईटी और आबकारी विभाग की टीम ने दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। टीम ने चंडीगढ़ में एक गोदाम भी सील किया है, जिसमें शराब की 1966 पेटियां रखी थीं। पकड़े गए आरोपी आशू गोयल और गुरप्रीत सिंह सिद्धू हैं। गुरप्रीत सिद्धू यूके का नागरिक है और वह खुद को आईजी स्तर का अधिकारी बताकर लोगों से मिलता था। पुलिस को उसके घर से आईजी व डीआईजी की नकली वर्दी, बैज, पंजाब पुलिस की यूनिफार्म, शोल्डर बैज, वॉकी टॉकी, पिस्टल, रिवाल्वर, तीस मोबाइल, सात टेप बरामद हुए हैं। 
प्रेस वार्ता में एक्साइज विभाग के कमिश्नर रजत अग्रवाल, आईजी क्राइम मुनीश चावला व एसएसपी सतिंदर सिंह ने बताया कि जांच चल रही है। कुछ और खुलासे होंगे। शराब तस्करी पर शिकंजा कसने के लिए पंजाब सरकार ने मई अंत और जून के शुरू में ऑपरेशन रेड रोज शुरू किया था। ऑपरेशन के तहत शराब के कई गिरोह पंजाब में पकड़े थे।
चार जनवरी की रात एक बस पकड़ी गई थी, जो महंगे ब्रांड के स्टिकर दिल्ली से लेकर आ रही थी। इन स्टिकर्स का इस्तेमाल सस्ती शराब की बोतलों पर लगाकर उन्हें विदेशी ब्रांड बताने में किया जाता था। बस के साथ पकड़े गए चार आरोपियों जतिंदर पाल सिंह, जतिंदर सिंह, कर्ण गोस्वामी और विजय से पूछताछ के बाद पुलिस ने गुरप्रीत सिद्धू को लुधियाना से गिरफ्तार किया है। वहीं, उसके जीकरपुर स्थित घर से सामान बरामद किया है। सिद्धू इन आरोपियों के लिए पैसों का इंतजाम करता था। जबकि चंडीगढ़ के शराब कारोबारी आशू गोयल के सेक्टर-29 स्थित गोदाम से शराब की 1966 पेटियां बरामद की हैं। ये बिना होलोग्राम वाली थीं।  पुलिस के मुताबिक गुरप्रीत मोतिया सिटी जीरकपुर में रहता था। उसके पास यूके की नागरिकता है। उसके पास से दो पासपोर्ट मिले हैं। एक यूके का है, जबकि दूसरा किसी अन्य देश का है। पुलिस अब उनसे इस गिरोह में शामिल अन्य लोगों के नाम उगलवाने में लगी है। 
आरोपी जो शराब तैयार करते थे, उसे कई नामी होटलों और क्लबों में बेचते थे। हालांकि पुलिस फिलहाल खुलासा नहीं कर रही है। अगर उनके नामों का खुलासा हुआ तो जांच प्रभावित हो सकती है। 
यह पहला ऐसा गिरोह पकड़ा गया है, जो रिहायशी इलाके में इस तरह के काम को अंजाम दे रहा था। किसी को संदेह तक नहीं हुआ। एक साल से इलाके में गिरोह सक्रिय था। हालांकि बीच में अपने ठिकाने बदलते रहते थे। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि अगर किसी को इस तरह की सूचना मिलती है तो इस बारे में तुरंत पुलिस को सूचित किया जाए। आबकारी विभाग ने जानकारी के लिए मोबाइल नंबर 9875961126 जारी किया है।
शातिर आरोपी सामान लाने ले जाने के लिए वॉल्वो बस का इस्तेमाल करते थे। पुलिस को सूचना मिली थी कि जीरकपुर में ऐसा गिरोह सक्रिय है, जो सस्ती शराब को महंगे ब्रांड की बोतलों में भरकर ऊंचे दाम पर बेचता है। मुख्य आरोपी जतिंदर पाल सिंह को शराब भरने के लिए खाली बोतलें, डिब्बे, बायो ब्रांडस के ढक्कनों की एक खेप मिलेगी। दिल्ली से आई वोल्वो बस से आरोपी को दबोचा था। इस दौरान ब्लैक लेबल की 80 बोतलें, ब्लैक लेबल की 55 ढक्कन, रेड लेबल की 10 खाली पेटियां आदि मिली थीं। इनके फ्लैट्स से भी बरामदगी हुई थी। जीरकपुर के कई गोदामों से भी शराब पकड़ी गई थी।