अयोध्या, चार अगस्त एएनएस । उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को कहा कि राम, राष्ट्र और रोटी एक दूसरे के पूरक हैं और अयोध्या में बनने जा रहा भगवान राम का मंदिर राष्ट्रीय एकता को मजबूती देगा।
अयोध्या में राम मंदिर के शिलान्यास एवं भूमि पूजन से पहले ‘बातचीत में मौर्य ने कहा कि मेरा मानना है कि राम, राष्ट्र और रोटी एक दूसरे के पूरक हैं। राम जन्मभूमि पर बनने जा रहा मंदिर करीब 500 साल तक चले संघर्ष का सुखद समापन है। इस संघर्ष के दौरान अनेक राम भक्तों ने शहादत दी है।
उन्होंने कहा कि राम मंदिर के आंदोलन ने इस तरह से आकार लिया था कि उससे पूरा देश आपस में जुड़ गया था। जब लोग इसे हिंदू-मुस्लिम के चश्मे से देखते हैं तो मैं कहता हूं कि इसे इस नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए।
उपमुख्यमंत्री ने कहा “अंग्रेजों से संघर्ष के बाद हमने 15 अगस्त 1947 को आजादी हासिल की। उसी तरह मेरा मानना है कि 9 नवंबर 2019 की तारीख भी उतनी ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि उस दिन उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या विवाद में अपना निर्णय देकर राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया था। मगर अब पांच अगस्त और भी ज्यादा महत्वपूर्ण तिथि बन गई है, क्योंकि उस दिन भगवान राम के भव्य मंदिर के निर्माण का कार्य शुरू होने जा रहा है।
इस सवाल पर कि क्या वह राम मंदिर आंदोलन को आजादी के संघर्ष से भी ज्यादा बड़ा मानते हैं, मौर्य ने कोई सीधा जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा “श्री राम लला का भव्य मंदिर बनने जा रहा है और यह राष्ट्रीय एकता का प्रतीक होगा। इससे राष्ट्रीय एकता मजबूत होगी और विघटनकारी ताकतें अलग-थलग पड़ जाएंगी।” कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी दलों के कुछ नेताओं द्वारा पांच अगस्त को भूमि पूजन का विरोध किए जाने पर उप मुख्यमंत्री ने कहा कि अनेक ऐसे नेता है जो अवांछित सलाह दे रहे हैं। इन लोगों को राम मंदिर के निर्माण से तकलीफ हो रही है। यह वे लोग हैं जिन्होंने “राम लला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे, तारीख नहीं बताएंगे” जैसे नारे उछाल कर हमारा मजाक उड़ाने की कोशिश की। यह वे लोग हैं जिन्होंने रामसेतु के अस्तित्व पर ही सवाल उठा दिए थे।
गौरतलब है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने पांच अगस्त को अशुभ मुहूर्त बताते हुए प्रधानमंत्री से राम मंदिर का शिलान्यास कार्यक्रम स्थगित करने का आग्रह किया था।
इसके अलावा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने भी कहा था कि महाराष्ट्र सरकार की प्राथमिकता कोविड-19 का उन्मूलन करना है, लेकिन कुछ लोग यह मानते हैं कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होने से इस महामारी को खत्म करने में मदद मिलेगी।