आबकारी नीति: अदालत ने धन शोधन मामले में संजय सिंह की याचिका पर ईडी का जवाब मांगा

राष्ट्रीय
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नयी दिल्ली, 13 अक्टूबर (ए) दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं से संबंधित धन शोधन मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता संजय सिंह की गिरफ्तारी के खिलाफ उनकी याचिका पर शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का जवाब मांगा।

सिंह के वकील ने न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा को बताया कि जब आप के राज्यसभा सदस्य को जांच एजेंसी ने बिना किसी पूर्व समन या नोटिस के गिरफ्तार किया था तो उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था। न्यायाधीश ने ईडी से याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा और मामले को मंगलवार सुबह सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।

एक निचली अदालत ने चार अक्टूबर को गिरफ्तार किए गए सिंह को शुक्रवार को 27 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

ईडी ने आरोप लगाया है कि सिंह ने आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे कुछ शराब निर्माताओं, थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं को मौद्रिक लाभ हुआ।

सिंह के वकील ने उच्च न्यायालय के समक्ष दलील दी कि उनकी गिरफ्तारी में कानून की उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया, इस प्रकार यह न केवल उनकी स्वतंत्रता की रक्षा के लिए बल्कि अदालत की ‘‘निंदा’’ का भी हकदार है ताकि सही मिसाल कायम हो सके।

उन्होंने कहा कि हाल में उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि ईडी ‘‘प्रतिशोध’’ में कार्रवाई नहीं कर सकती, लेकिन एजेंसी ‘‘जो सही मानती है उसमें लिप्त रहती है’’ और ‘‘अंधाधुंध तरीके’’ से गिरफ्तारियां करती रहती है।

वकील ने दलील दी, ‘‘अब समय आ गया है कि उनके (एजेंसी) छल को स्वीकार किया जाए और आप उस इरादे से इस मामले को देखें। मैं चाहता हूं कि अगर निचली अदालतों के न्यायाधीश अगर हर दिन अंधाधुंध तरीके से हो रही गिरफ्तारियों पर ध्यान दें और मामले पर गौर करें तो मुझे लगता है कि देश में आधी गिरफ्तारियां बंद हो जाएंगी। असली गिरफ्तारियां ही होंगी।’’

वकील ने कहा, ‘‘सिंह को आज तक कोई समन जारी नहीं किया गया। पीएमएलए के तहत कोई नोटिस जारी नहीं किया गया। एक भी बार किसी पूछताछ या जांच के लिए नहीं बुलाया गया।’’

वकील ने यह भी दलील दी कि संजय सिंह के घर में की गई तलाशी में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं पाया गया और शीर्ष अदालत ने फैसला सुनाया है कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार व्यक्ति को गिरफ्तारी का आधार लिखित रूप में प्रस्तुत करना अनिवार्य है

अदालत को यह भी बताया गया कि वर्तमान मामले में, गिरफ्तारी गवाह बने दिनेश अरोड़ा के एक बयान के आधार पर की गई, जिन्होंने ‘‘ईडी द्वारा गिरफ्तारी से पहले आठ बयान दिए थे’’ और ‘‘हर बार अलग जवाब’’ दिए थे।

ईडी के वकील ने अदालत से याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए समय देने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा, ‘‘आज न्यायिक हिरासत दी गई है… मैं जवाब देने का हकदार हूं। मुझे दो दिन दीजिए।’’

इससे पहले, मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता वाली उच्च न्यायालय की पीठ के समक्ष संजय सिंह के वकील द्वारा याचिका का उल्लेख किया गया जिसके बाद इसे तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया।

ईडी का धन शोधन मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी पर आधारित है। सीबीआई और ईडी के अनुसार, दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 को संशोधित करते समय अनियमितताएं की गईं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया।

दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को आबकारी नीति लागू की थी, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 के अंत में इसे रद्द कर दिया।