उत्तरकाशी सुरंग हादसा : श्रमिकों से संपर्क स्थापित हुआ, धामी ने किया स्थलीय निरीक्षण

राष्ट्रीय
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उत्तरकाशी, 13 नवंबर (ए) उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा ढहने से उसके अंदर फंसे सभी 40 श्रमिक सुरक्षित हैं, उनसे संपर्क स्थापित हो गया है और उन तक खाना, पानी और ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी घटनास्थल पर पहुंचकर बचाव एवं राहत कार्यों का निरीक्षण किया ।.

मुख्यमंत्री धामी गढ़वाल के आयुक्त विनय शंकर पांडेय के साथ सिलक्यारा पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया । मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां तेजी से मलबा हटाने का काम किया जा रहा है और अंदर फंसे मजदूरों के लिए खाद्य सामग्री कम्प्रेसर के माध्यम से भेजी जा रही है । .

सिलक्यारा में बनाए गए पुलिस नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के अनुसार, वॉकी-टॉकी के जरिए सुरंग में फंसे लोगों से संपर्क हुआ है और सभी सुरक्षित हैं ।

नियंत्रण कक्ष के अनुसार, अंदर फंसे लोगों द्वारा खाने की मांग की गई है और उन्हें पाइप के जरिए खाने के पैकेट भेजे जा रहे हैं। श्रमिक फिलहाल 60 मीटर दूर हैं।

सुरंग में पानी के लिए बिछी पाइपलाइन के जरिए ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है । इसी पाइपलाइन के जरिए कंप्रेसर की मदद से दबाव बनाकर श्रमिकों तक खाने के पैकेट भेजे जा रहे हैं ।

मुख्यमंत्री धामी गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय के साथ सिलक्यारा पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया । स्थलीय निरीक्षण करने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां तेजी से मलबा हटाने का काम किया जा रहा है और अंदर फंसे मजदूरों के लिए खाद्य सामग्री कम्प्रेसर के माध्यम से भेजी जा रही है ।

उन्होंने आशा व्यक्त की कि जल्द ही बचाव कार्य पूरा कर लिया जाएगा और श्रमिकों को बाहर निकाल लिया जाएगा ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मामले को लेकर राज्य और केंद्र सरकार गंभीर हैं । उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और रेल मंत्री ने उनसे घटना को लेकर विस्तार से बातचीत की है और हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है । उन्होंने श्रमिकों के परिजनों से कहा कि अंदर फंसे लोगों को जल्द से जल्द सकुशल बाहर निकालने के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं ।

उत्तरकाशी जिले में ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा रविवार की सुबह अचानक ढह गया था जिससे उसमें 40 श्रमिक फंस गए थे ।

सुरंग का ढहने वाला हिस्सा उसके मुहाने से करीब 200 मीटर दूर है। सुरंग का निर्माण कर रही नवयुग इंजीनियरिंग लिमिटेड के अनुसार सुरंग में फंसे मजदूर बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के हैं।