लखनऊ: छह मई (ए) उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने बताया कि बुधवार को राज्य में नागरिक और पुलिस प्रशासन, अग्निशमन सेवाओं तथा आपदा प्रतिक्रिया बल को शामिल करते हुए पूर्ण पैमाने पर एक ‘‘मॉक ड्रिल’’ का आयोजन किया जाएगा।
पहलगाम में हुए नृशंस आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर नागरिक और संस्थागत तैयारियों के लिए यह ड्रिल महत्वपूर्ण है।डीजीपी प्रशांत कुमार ने मंगलवार को संवाददाताओं को बताया, ‘‘हमें सात मई को मॉक ड्रिल को लेकर केंद्र सरकार से निर्देश मिले हैं। (ड्रिल के लिए राज्य के) उन्नीस जिलों की पहचान की गई है।’
उन्होंने कहा कि इन जिलों को विभिन्न श्रेणियों में रखा गया है।
डीजीपी ने कहा, ‘‘इन 19 में से एक जिले को ‘ए’ श्रेणी में, दो को ‘सी’ श्रेणी में और बाकी को ‘बी’ श्रेणी में रखा गया है। हालांकि, स्थानीय संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए, यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं कि आपातकालीन स्थिति में एकीकृत प्रतिक्रिया के लिए नागरिक और पुलिस प्रशासन, अग्निशमन सेवाओं और आपदा प्रतिक्रिया बल सहित सभी कार्यक्षेत्रों में एक संयुक्त अभ्यास किये जाएं।’’
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ‘पीटीआई वीडियो’ को बताया कि उप्र सरकार ने मॉक ड्रिल आयोजित करने के केंद्र के फैसले का स्वागत किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘देश भर में मॉक ड्रिल आयोजित करने का फैसला एक स्वागत योग्य कदम है। जिस तरह की स्थिति का देश अभी सामना कर रहा है, यह महत्वपूर्ण है कि प्रत्येक नागरिक हमारे सैनिकों की तरह युद्ध के लिए तैयार हो। भारत के दुश्मनों के ताबूत में अंतिम कील ठोकने और आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई के लिए जो कुछ भी आवश्यक है, वह किया जाएगा।’’
सत्तारूढ़ भाजपा के वैचारिक स्रोत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) ने भी मॉक ड्रिल आयोजित करने के फैसले का स्वागत किया है।
परिषद ने युवाओं और छात्रों से बुधवार को गृह मंत्रालय द्वारा देशभर में आयोजित किए जा रहे ‘नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल’ में उत्साहपूर्वक भाग लेने का आह्वान किया है।
अभाविप ने एक बयान में कहा कि इस ड्रिल में हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन का परीक्षण, क्रैश ब्लैकआउट अभ्यास, नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए रिहर्सल और आपात स्थिति के दौरान सुरक्षा उपायों में युवाओं एवं आम जनता को प्रशिक्षण देना शामिल होगा।
बयान के अनुसार, रडार स्टेशनों और बिजली संयंत्रों जैसे महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को छिपाने के लिए सामरिक उपायों का अभ्यास किया जाएगा।
बयान में कहा गया है, ‘‘अभाविप का मानना है कि राष्ट्रीय सुरक्षा केवल हमारे सशस्त्र बलों की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि हर नागरिक, खासकर युवाओं का साझा कर्तव्य है। हमारे स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय जागरूकता, सतर्कता और तैयारी के केंद्र बनने चाहिएं।’’
बयान में कहा गयया है, ‘‘परिषद देश भर के छात्रों, युवाओं और शैक्षणिक संस्थानों से इस ‘मॉक ड्रिल’ में सक्रिय रूप से भाग लेने, प्रशिक्षण को गंभीरता से लेने और एक सतर्क, अनुशासित एवं सुरक्षित भारत के निर्माण में योगदान देने का आग्रह करती है।’’
अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. वीरेंद्र सिंह सोलंकी ने कहा, ‘‘अभाविप ‘नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल’ का स्वागत करती है। हम सभी विद्यार्थियों, शिक्षकों, प्रशासनिक अधिकारियों और नागरिकों से आह्वान करते हैं कि वे इस पहल में पूरी लगन और उत्साह के साथ भाग लें और ‘सुरक्षित, सशक्त और आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण में अपनी भूमिका सुनिश्चित करें।’’
परिषद ने यह भी कहा, ‘‘देश के नागरिकों को आपातकालीन स्थितियों के लिए तैयार रहना चाहिए। आज का भारत आतंकवादी घटनाओं का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है। हर नागरिक को अपनी भूमिका और जिम्मेदारी के प्रति जागरूक रहना चाहिए।’