कमला हैरिस की मौसी ने भांजी की जीत पर जताई खुशी

राष्ट्रीय
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चेन्नई, आठ नवंबर (ए) अमेरिका में उपराष्ट्रपति निर्वाचित हुईं कमला हैरिस की तमिलनाडु के चेन्नई में रहने वाली मौसी डॉ. सरला गोपालन ने कहा कि वह अपनी भांजी की जीत से गदगद हैं और अब उन्हें उनके शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने की उम्मीद है।

वरिष्ठ चिकित्सक गोपालन ने रविवार को कहा कि वह शनिवार को हैरिस से बात नहीं कर पाईं, क्योंकि वह पूरा दिन जीत की घोषणा के इतंजार में थीं।

यहां स्वैच्छिक स्वास्थ्य सेवा में वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा, “आप क्या सोचते हैं कि मुझे उनकी जीत को लेकर कैसा महसूस करना चाहिए, मैं बहुत खुश हूं।”

उन्होंने कहा, ” मैंने देर रात तक (जीत की) घोषणा का इंतजार किया… मैं थक गई थी तो रात में सोने चली गई। “

उनसे पूछा गया कि क्या वह अमेरिका में अपनी भांजी के शपथ-ग्रहण समारोह में शिरकत करेंगी तो उन्होंने कहा, “उम्मीद तो है। “

उनसे पूछा गया कि क्या वह बेसंत नगर में स्थित वरसिद्धि विनयगर मंदिर गईं थी और हैरिस के लिए प्रार्थना की थी, तो डॉ गोपालन ने कहा, “आमतौर पर जब भी मैं वरसिद्धि विनयगर मंदिर जाती हूं तो नारियल फोड़ती हूं।” उन्होंने कहा, ” लेकिन इस बार मैं कोविड-19 की वजह से मंदिर नहीं जा सकी।”

उन्होंने कहा कि उनकी प्रार्थनाएं हमेशा हैरिस के साथ हैं।

कुछ साल पहले हैरिस के आग्रह पर डॉ गोपालन ने वरसिद्धी विनयगर मंदिर में 108 नारियल फोड़े थे।

वहीं दिल्ली में हैरिस के मामा गोपालन बालचंद्रन ने शनिवार को बताया कि उन्होंने एक दिन पहले ही अपनी भांजी से कहा था कि वह जीतने जा रही हैं और अमेरिका की अगली उपराष्ट्रपति बनेंगी।

बालचंद्रन ने हैरिस को योद्धा करार देते हुए कहा कि वह बेहद ‘खुश और गर्व’ महसूस कर रहे हैं।

मतगणना को लेकर चिंता के सवाल पर बालचंद्रन ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘हम बाइडेन-हैरिस को जीतते चाहते थे। मैंने कल (शुक्रवार को) ही कमला से कहा था कि वह जीतने जा रही हैं।’

हैरिस के माता-पिता प्रवासी हैं। उनके पिता डोनाल्ड हैरिस जमैका के अश्वेत व्यक्ति थे जबकि उनकी मां श्यामला गोपालन चेन्नई से थी। वह कैंसर पर शोध कर रही थीं और नागरिक अधिकार कार्यकर्ता थीं।

भारतीय मूल की 56 वर्षीय हैरिस अमेरिका की उपराष्ट्रपति बनने वाली पहली महिला होंगी। वह देश की पहली भारतीय मूल की, पहली अश्वेत और पहली अफ्रीकी-अमेरिकी महिला उपराष्ट्रपति होंगी।