फिर खोजे जाएंगे टीबी के मरीज,घर-घर जाकर आशा देंगी दस्तक

उत्तर प्रदेश जालौन
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जालौन, 09 मार्च एएनएस। टीबी को 2025 तक देश से खत्म करने के लक्ष्य के मद्देनजर बुधवार से फिर घर-घर दस्तक देकर मरीजों की पहचान की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग यह अभियान 15 दिन के दस्तक अभियान के तहत चलाएगा। इसी के साथ अब 30 रुपय में बनने वाले गोल्डन कार्ड निशुल्क बनाए जाएंगे।

सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च के सहयोग से स्वास्थ्य विभाग द्वारा मंगलवार को स्थानीय श्री हरि होटल में आयोजित कार्यशाला में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सत्य प्रकाश ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दस्तक अभियान 10 से 24 मार्च तक चलेगा जिसमें टीबी के मरीजों और कुपोषित बच्चों की पहचान की जाएगी। इसके अलावा इस अभियान में कीड़े निकालने और खून बढ़ाने वाली दवा वितरित की जाएगी। आशा हर रोज 20 से 25 घर कवर करेंगी।

डॉ. सत्य प्रकाश ने बताया कि इन 15 दिनों में आयुष्मान अभियान भी चलाया जाएगा जिसमें अधिक से अधिक पात्रों के गोल्डन कार्ड बनाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि जनपद में 5,25,210 गोल्डन कार्ड बनाने का लक्ष्य है जिसे पूरा करने की पूरी कोशिश की जाएगी।
एसीएमओ ने बताया कि पात्रों को अब गोल्डन कार्ड निशुल्क बनाए जाएंगे। वे अपने नजदीकी जनसुविधा केन्द्र या स्वास्थ्य केन्द्र से बनवा सकते हैं।
वैक्सीनेशन के लिए आगे आयें लाभार्थी

डॉ॰ सत्यप्रकाश ने बताया कि जनपद में अब तक 18000 लोगों को वैक्सीन लगाई गई है। इनमें से किसी को भी कोई साइड इफेक्ट रिपोर्ट नहीं किया गया है। यह बताता है कि वैक्सीन सेफ है और इसे सबको लगवाना चाहिए। उन्होंने बताया कि अब तक 47 केन्द्रों पर वैक्सीनेशन कराया जा रहा है। जल्द की लोगों की सुविधा के लिए 13 और सेंटर बढ़ाए जाएंगे।

जालौन की शिशु मृत्यु दर देश के औसत से बेहतर

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी – आरसीएच डॉ बी एम खैर ने कार्यशाला में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के पर जनपद की स्थिति के बारें में बताया। उन्होने बताया कि जनपद की शिशु मृत्यु दर 41 प्रति एक हजार है जो देश और प्रदेश से बेहतर है। देश की औसत शिशु मृत्यु दर 42 और प्रदेश की 53 है।

गैर संचारी रोगों की गंभीरता को समझाते हुये डॉ॰ खैर ने बताया कि विश्व में 30 वर्ष से अधिक उम्र में होने वाली कुल मौतों में 60 प्रतिशत मौतें गैर संचारी रोगों के वजह से होती हैं। वही विश्व में तंबाकू से होने वाली मौतों में सबसे ज्यादा मौत भारत में होती हैं। उन्होने बताया कि लगभग 40 प्रतिशत वयस्क (15 वर्ष से ऊपर के) भारत में तंबाकू का सेवन करते है।

इस कार्यशाला में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ॰ एस डी चौधरी ने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के बारें में विस्तार से चर्चा की वही जिला क्षय रोग अधिकारी ने टीबी को वर्ष 2025 तक ख़त्म करने के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारें में बताया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ॰ उषा सिंह व संचालन जिला कार्यक्रम प्रबन्धक प्रेम प्रताप सिंह ने किया।

कार्यक्रम के अंत में जनपद में मीडिया की स्थिति के बारें में सीफार मण्डल समन्वयक सोनम राठौर ने विस्तार से बताया।

कार्यशाला में पत्रकारों ने भी सवाल किए, जिसके नोडल अधिकारियों ने जवाब दिये।
कार्यशाला में जनपद स्तरीय मीडिया बंधुओं के अलावा डीसीपीएम डॉ॰ धर्मेंद्र, आयुष्मान डीपीसी डॉ आशीष, शिकायत प्रबन्धक मनीष निरंजन, आईटी मैनेजर देवेश, डबल्यूएचओ समन्वयक डॉ॰ विशाल, सीफार से फिरोज़ हैदर, आरफ़ा कमाल, शशि शेखर दुबे, अनमोल दुबे आदि लोग उपस्थित रहे।