मेरे भाई ने अपनी बेटी की हत्या करने की बात कबूल ली है: राधिका यादव के चाचा

राष्ट्रीय
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गुरुग्राम: 12 जुलाई (ए)) टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की हत्या के मामले में एक नया खुलासा करते हुए उसके (राधिका) चाचा विजय यादव ने रविवार को कहा कि आरोपी दीपक यादव ने अपनी बेटी की हत्या करने की बात उनके समक्ष कबूल की है। उन्होंने कहा है कि उसे फांसी दे दी जानी चाहिए।

दीपक यादव के बड़े भाई विजय यादव ने यहां पत्रकारों के साथ बातचीत में इस बात से साफ इनकार किया कि राधिका यादव की कोई टेनिस अकादमी है।

यादव ने कहा कि दीपक का परिवार संपन्न है। दीपक को अपनी गलती का एहसास हो गया था और किसी के लिए पश्चाताप से बड़ी कोई सजा नहीं हो सकती। पूरा परिवार सदमे में है। राधिका भी विज्ञापन जगत में काम करना और मॉडल बनना चाहती थी।

उसने एक गाना लिखा था और परिवार में सभी इस बात से खुश थे। आरोपी अपनी बेटी से बहुत प्यार करता था। उसने न केवल उसके करियर पर करोड़ों रुपये खर्च किए, बल्कि अपना सारा समय भी उसे दिया। इस बीच, दीपक यादव के एक करीबी दोस्त ने दावा किया कि आरोपी ने उससे कहा था कि उसने पाप किया है। आरोपी को अपनी बेटी पर गर्व था, लेकिन वह लोगों की कुछ टिप्पणियों को बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था।

राधिका यादव और उसके कोच अजय यादव के बीच व्हाट्सएप पर हुई बातचीत का अंश सामने आया है, जिसमें कथित तौर पर राधिका ने किसी भी कीमत पर घर छोड़ देने और विदेश चले जाने की बात कही है। इससे टेनिस खिलाड़ी और उनके पिता के बीच विवाद की अटकलें लगाई जा रही हैं, लेकिन पुलिस ने स्पष्ट किया है कि इस पहलू की जांच नहीं की जा रही है।

एक अधिकारी ने बताया कि लगभग एक साल पहले कंधे में चोट लगने के बाद, राधिका यादव ने अपना करियर बदलने के बारे में सोचा तथा पहले उसने ‘सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर’ बनने का फैसला किया और बाद में उभरते टेनिस खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया। राधिक यादव ने अपने पिता को यह भी स्पष्ट कर दिया था कि वह ऐसा कुछ नहीं करेगी जिससे समाज में उनकी बदनामी हो। राधिका ने अन्य खिलाड़ियों को कोचिंग देनी शुरू कर दी थी, लेकिन उसके पिता को यह पसंद नहीं था।

राधिका के पिता दीपक को इस बात की चिंता थी कि अगर उसकी बेटी कोचिंग से पैसा कमाएगी तो लोग क्या कहेंगे और उसने हताश होकर अपनी बेटी की हत्या कर दी। गुरुग्राम पुलिस ने शनिवार को बताया कि पूर्व राज्य स्तरीय टेनिस खिलाड़ी की अपनी अकादमी नहीं थी और वह अलग-अलग जगहों पर टेनिस कोर्ट बुक करके युवा खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देती थी, जिस पर उसके पिता ने आपत्ति जताई थी।