लखनऊ, 21अगस्त एएनएस।यूपी में कोविड कोष के लिए विधायकों की निधि लेने और उनके वेतन में कटौती किए जाने का मुद्दा शुक्रवार को विधान परिषद में उठा। पीठ ने इसे उच्च सदन की विधायी समाधिकार समिति के पास भेज दिया है। सपा सदस्य आनंद भदौरिया ने शून्यकाल के दौरान नियम-39 के तहत औचित्य के प्रश्न के जरिए यह मुद्दा उठाया। उन्होंने सरकार द्वारा सभी सदस्यों से राय मशविरा किए बगैर कोविड कोष के लिए विधायकों की एक साल की निधि लेने और वेतन में कटौती के फैसले को असंवैधानिक बताया।
उन्होंने कहा कि महामारी से पूरा देश जूझ रहा है। जहां इससे निपटने के लिये एक तरफ नाम मात्र प्रयास किए जा रहे हैं, वहीं इसके लिए कोष जुटाने के नाम पर विधायक निधि को रोका गया है। यह जनता के साथ अन्याय और असंवैधानिक कदम है। भदौरिया ने कहा, ‘जैसे ही केन्द्र सरकार का दो वर्षों का सांसदों का वेतन और निधि रोकने का प्रस्ताव आया, उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी दलों के नेताओे से राय लिए बगैर एक ही पल में तानाशाहीपूर्ण तरीके से हम सभी विधायकों की निधि रोक ली और वेतन में भी कटौती कर दी।’