सरकार के खिलाफ मंत्री ने दिया बयान, मुख्यमंत्री ने कर दिया बर्खास्त

राष्ट्रीय
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जयपुर,21जुलाई (ए)। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंत्री राजेंद्र गुढ़ा को पद से बर्खास्त कर दिया है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सिफारिश को राज्यपाल कलराज मिश्र ने मंजूर कर लिया हैं। राज्यपाल के मंजूरी के साथ ही गुढ़ा की बर्खातगी पर मुहर लग गई है। राजेंद्र सिंह लंबे समय से सीएम अशोक गहलोत और सरकार के खिलाफ बयान दे रहे थे। राज्यपाल ने तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया है। राजभवन के बयान के अनुसार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज सायं काल में राज्यपाल कलराज मिश्र को राज्य मंत्री राजेन्द्र सिंह गुढ़ा को बर्खास्त करने की अनुशंसा की। इसमें कहा गया है कि राज्यपाल ने मुख्यमंत्री गहलोत की इस अनुशंसा को तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया है। गौरतलब है कि गुढ़ा ने महिला सुरक्षा और उनके खिलाफ अत्याचार के मुद्दे पर अपनी ही सरकार पर सवाल उठाया। राजस्थान विधानसभा में राजस्थान न्यूनतम आय गारंटी विधेयक 2023 पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायकों ने मणिपुर में हिंसा के मुद्दे पर तख्तियां लहराईं।

गुढ़ा ने अपनी ही सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा राजस्थान में, ये सच्चाई है कि हम महिलाओं की सुरक्षा में असफल हो गए, और राजस्थान में जिस तरह से अत्याचार बढ़े हैं महिलाओं के ऊपर, मणिपुर के बजाय हमें अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में राजस्थान पहले नंबर पर है। राठौड़ ने बाद में ट्वीट में कहा, ”राजस्थान में बहन-बेटियों के ऊपर हो रहे अत्याचारों व दुष्कर्म की असलियत स्वयं सरकार के मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा बता रहे हैं। संविधान के अनुच्छेद 164(2) के अनुसार मंत्रिमंडल सामूहिक उत्तरदायित्व के आधार पर काम करता है और मंत्री का बयान पूरे मंत्रिमंडल यानी सरकार का माना जाता है।” दरअसल हुआ यह कि मणिपुर मामले को लेकर विधानसभा में कांग्रेस विधायक तख्तियां लेकर हंगामा करने लगे। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और कांग्रेस विधायकों के बीच बहस हुई। नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कह दिया कि ‘100 चूहे खाकर बिल्ली हज को चली’ वाली बात कांग्रेस के नेता कर रहे हैं। प्रदेश में राजस्थान महिला अपराध के मामले में नंबर एक है। इस दौरान मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास और राजेंद्र राठौड़ के बीच नोकझोंक हुई, लेकिन मामला उस समय कांग्रेस पर उल्टा पड़ गया जब कांग्रेस के ही मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने उठकर अपनी पार्टी को महिला अत्याचार के मामले में सदन में घेर लिया।