सरकारी अस्पताल में 24 घंटे के दौरान 18 मरीजों की मौत, जांच समिति गठित

राष्ट्रीय
Spread the love

ठाणे, 13 अगस्त (ए) महाराष्ट्र के ठाणे शहर के कलवा में नगर निकाय द्वारा संचालित छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल में पिछले 24 घंटों में 18 मरीजों की मौत हो गई। निगमायुक्त अभिजीत बांगर ने रविवार को यह जानकारी दी।.

उन्होंने बताया कि मामले की जांच के लिए समिति गठित की गई है।राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने मौतों को हृदय विदारक बताया और कहा कि हाल में एक ही दिन में अस्पताल में पांच लोगों की मौत के बावजूद प्रशासन नहीं जागा।

बांगर ने बताया कि मृतकों में 10 महिलाएं और आठ पुरुष शामिल हैं, जिनमें से छह ठाणे शहर से, चार कल्याण से, तीन शाहपुर से, एक-एक भिवंडी, उल्हासनगर और गोवंडी (मुंबई में) से थे, जबकि एक मरीज किसी अन्य जगह से और एक अज्ञात था।

आयुक्त ने कहा कि मृतक मरीजों में से 12 की उम्र 50 वर्ष से अधिक थी।

इससे पहले, दिन में महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत और स्थानीय पुलिस उपायुक्त गणेश गावड़े ने छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल में पिछले 24 घंटों में 17 मरीजों की मौत होने की जानकारी दी थी।

बांगर ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने स्थिति के बारे में जानकारी ली और एक स्वतंत्र जांच समिति के गठन का आदेश दिया, जिसकी अध्यक्षता स्वास्थ्य सेवा आयुक्त करेंगे।

उन्होंने बताया कि जांच समिति में कलेक्टर, निगम प्रमुख, स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक और सिविक सर्जन समेत अन्य शामिल होंगे।

बांगर ने कहा कि यह समिति मौतों के नैदानिक पहलू की जांच करेगी।

उन्होंने बताया कि मृतक मरीजों को गुर्दे की पथरी, पक्षाघात, अल्सर, निमोनिया, केरोसिन विषाक्तता, सैप्टीसीमिया आदि जैसी समस्याएं थीं।

आयुक्त ने कहा, ‘‘उपचार के क्रम की जांच की जाएगी और मृतकों के परिजनों के बयान दर्ज किए जाएंगे। कुछ परिजनों द्वारा लगाया गया लापरवाही का आरोप एक गंभीर मामला है, जिस पर जांच समिति गौर करेगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कोविड ड्यूटी में तैनात सभी 500 ​​कर्मचारियों को संबंधित अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया है और अतिरिक्त नर्सिंग स्टाफ नियुक्त किया गया है।’’

वहीं, मंत्री सावंत ने कहा कि अस्पताल के डीन को इस मामले में दो दिन में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है।

ठाणे नगर निकाय के एक अधिकारी ने कहा कि मौत के कारणों का विश्लेषण किया जा रहा है और निकाय के कई अधिकारी रिकॉर्ड आदि का निरीक्षण कर रहे हैं।

मामले के संबंध में पुलिस उपायुक्त गणेश गावड़े ने कहा, ‘‘हमें पिछले 24 घंटों में 17 मौतों की जानकारी मिली है। हमें बताया गया है कि प्रति दिन का औसत आंकड़ा छह से सात है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अस्पताल प्रबंधन ने हमें बताया कि कुछ मरीज गंभीर अवस्था में वहां पहुंचे थे और उन्होंने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। कुछ बुजुर्ग थे। इतनी अधिक संख्या में मौतों के कारण किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए हमने अस्पताल में पुलिस की तैनाती बढ़ा दी है।’’

सावंत ने पुणे में संवाददाताओं से कहा, ‘‘इन 17 मरीजों में से कुल 13 आईसीयू में थे। कुछ दिन पहले, अस्पताल में पांच मरीजों की मौत हो गई थी। राज्य सरकार ने डीन से दो दिन में रिपोर्ट देने को कहा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘डीन की रिपोर्ट के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। यह अस्पताल राज्य चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के अंतर्गत आता है। मंत्री हसन मुशरिफ अस्पताल पहुंच गए हैं और वह मामले को देख रहे हैं।’’

महाराष्ट्र के मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता गिरीश महाजन ने कहा कि 500 की क्षमता वाले अस्पताल में एक ही दिन में ‘‘16 मौतें’’ चिंता का विषय हैं।

राकांपा नेता और क्षेत्र के विधायक जितेंद्र आव्हाड ने अस्पताल में कुप्रबंधन का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासन को तत्काल सुधारात्मक कदम उठाने चाहिए।

अस्पताल का दौरा करने वाली राज्य मंत्री अदिति तटकरे ने मौतों को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि महाराष्ट्र सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास करेगी कि ऐसी घटना दोबारा न हो।

राकांपा प्रवक्ता क्लाइड क्रास्टो ने अस्पताल में मौतों की विस्तृत जांच की मांग की।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिंदे ठाणे के हैं और चिकित्सीय लापरवाही के कारण ये मौतें उनके ही क्षेत्र में हुईं।

राकांपा नेता ने आरोप लगाया कि इससे पता चलता है कि शिंदे ठाणे पर ध्यान नहीं दे रहे हैं और ‘‘शायद सरकारें गिराने और बनाने में इतने व्यस्त हैं कि उनके पास अपने क्षेत्र के लोगों के लिए समय नहीं है।’’

ठाणे के पूर्व महापौर नरेश म्हास्के, जो एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के प्रवक्ता भी हैं, ने कहा कि अस्पताल पर क्षमता से अधिक भार है और 500 मरीजों की क्षमता के मुकाबले प्रति दिन 650 मरीजों का इलाज किया जा रहा है।