लखनऊ: 20 मई (ए) उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ अपने वाकयुद्ध को तेज करते हुए मंगलवार को आरोप लगाया कि सपा का ‘‘राजनीतिक डीएनए’’ तुष्टीकरण और आपराधिक संरक्षण में निहित है। पाठक ने साथ ही यादव को चुनौती दी कि वे इस पर ध्यान भटकाने के बजाय सीधे जवाब दें।
सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक लंबे पोस्ट में पाठक ने दावा किया कि यादव ने अपनी सोशल मीडिया टीम द्वारा लिखे गए “गृह विज्ञान-शैली के शोध प्रबंध” को साझा करके सपा की वैचारिक जड़ों पर उनके पहले के सवालों को टाल दिया है।
पाठक ने कहा, ‘‘ आपने मेरे सवाल के जवाब में अपनी टीम से लंबी चौड़ी थीसिस लिखवा दी और सोशल मीडिया पर पोस्ट भी कर दी। पर मेरी आपको सलाह है कि बच्चों से लिखवाई इस तरह की थीसिस को पोस्ट करने से पहले एक बार पढ़ जरूर लिया करें।”
पाठक ने कहा,” उन्होंने ध्यान नहीं दिया होगा और आपने आदतन पढ़ा नहीं होगा। इस चक्कर में आपसे गलती ये हो गई कि पर्चा राजनीतिक विज्ञान का था और आपने जवाब होम साइंस वाली कुंजी से दिया।”
उपमुख्यमंत्री ने कहा,” मैं तो आपसे आपकी पार्टी के डीएनए के बारे में पूछ रहा हूं अगर निरुत्तर हो गए हों तो क्षमा मांग लीजिए और बात खत्म करिए। जवाब नहीं होने पर गलती मान लेना एक स्वस्थ परंपरा की निशानी है…।’’
भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि जैसे ही सपा की वैचारिक जड़ों पर सवाल उठाए जाते हैं उसके अतीत की असहज यादें अनिवार्य रूप से फिर से उभर आती हैं, जिनमें माफिया डॉन अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी की छवियां, 2013 के मुजफ्फरनगर दंगे, राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान कारसेवकों पर पुलिस की गोलीबारी और गोमती रिवरफ्रंट और अवैध खनन जैसे भ्रष्टाचार शामिल हैं।
उन्होंने पूछा, ‘क्या मैं आपको याद दिलाऊं कि कैसे अतीक ने एक बार दावा किया था कि उन्होंने आपके और आपके पिता के बीच मध्यस्थता की थी? या कैसे आपके मंत्रियों ने भी आपके शासन के दौरान एम्बुलेंस की स्थिति पर दुख जताया था?’
पाठक ने अपने पोस्ट में कहा, ‘‘ आपको मैं समाजवादी पार्टी के इन डीएनए की कितनी याद दिलवाऊं। आप कहेंगे तो मैं इस पर एक थीसिस लिखवाकर आपके घर भिजवा दूंगा। उसे प्रिंट करवाकर अपने पास रखिएगा और समय समय पर पढ़ते रहिएगा। इससे आप भटकाव से बचेंगे और हकीकत के आइने में अपनी सही पहचान कर सकेंगें। ये आपको रास्ता दिखाएगा।’’
यादव द्वारा हाल ही में की गई इस टिप्पणी कि पाठक को अपने विभाग (स्वास्थ्य मंत्रालय) पर ध्यान देना चाहिए, का जवाब देते हुए उपमुख्यमंत्री ने सपा प्रमुख को अपने यहां सुबह की जन सुनवाई में शामिल होने और स्वयं देखने के लिए आमंत्रित किया कि नागरिकों की शिकायतों का किस प्रकार समाधान किया जाता है।
उन्होंने लिखा, ‘मैं आपको आपकी सरकार के समय की एंबुलेंस भी दिखाऊंगा – वही एंबुलेंस जिनके बारे में आपके मंत्री रोते थे।’
दोनों नेताओं के बीच विवाद सपा के आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल से पाठक पर लक्षित एक आलोचनात्मक टिप्पणी पोस्ट करने के बाद शुरू हुआ।
बाद में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हस्तक्षेप किया था और सोशल मीडिया पर सपा की ‘अभद्र भाषा’ की निंदा की और सार्वजनिक चर्चा में शिष्टाचार बनाए रखने का आग्रह किया।
अखिलेश यादव ने पहले पाठक की टिप्पणियों को खारिज करते हुए उन्हें चाटुकार कहा था और आरोप लगाया था कि जो लोग अपनी पार्टी में कोई महत्व नहीं रखते, वे भड़काऊ बयान देकर ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं।
उन्होंने पाठक की भाजपा के प्रति निष्ठा पर भी सवाल उठाया और कहा कि वह बहुजन समाज पार्टी ये आए हैं।
यादव ने अपने प्रस्तावित पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) गठबंधन के माध्यम से सामाजिक न्याय की राजनीति की अपील की थी, साथ ही पाठक से ‘परिपक्व और विनम्र’ होने और अपनी राजनीतिक स्थिति पर विचार करने का आग्रह किया था।