राहुल गांधी पाकिस्तानी गोलाबारी के पीड़ितों से मिलने जम्मू-कश्मीर के पुंछ पहुंचे

राष्ट्रीय
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जम्मू: 24 मई (ए)।

 कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस महीने की शुरुआत में पाकिस्तानी सेना द्वारा सीमा पार से की गई गोलाबारी के पीड़ितों से मिलने के लिए शनिवार को जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले पहुंचे।

लोकसभा में विपक्ष के नेता का पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए नृशंस आतंकवादी हमले के बाद से केंद्र शासित प्रदेश का यह दूसरा दौरा है। इस आतंकवादी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी जिनमें से अधिकतर पर्यटक थे।गांधी ने आतंकवादी हमले में घायल हुए लोगों से मिलने के लिए 25 अप्रैल को श्रीनगर का दौरा किया था। उन्होंने उस दौरान जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल, मुख्यमंत्री और कई हितधारकों से भी मुलाकात की थी।

कांग्रेस के एक नेता ने बताया कि गांधी शनिवार सुबह जम्मू हवाई अड्डे पहुंचे और सीमा पार से की गई गोलाबारी से प्रभावित इलाकों का दौरा करने तथा शोकसंतप्त परिवारों से मिलने के लिए हेलीकॉप्टर से पुंछ रवाना हुए।

पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और इसके कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकवादी ठिकानों पर छह मई की देर रात सटीक हमले किए थे। इसके बाद से पुंछ सेक्टर में गोलाबारी बढ़ गई थी।

पाकिस्तान द्वारा सात से 10 मई के बीच जम्मू-कश्मीर में तोप से गोले दागे जाने, मिसाइल एवं ड्रोन हमलों में 28 लोग मारे गए, जिनमें से 13 अकेले पुंछ जिले में मारे गए और 70 से अधिक घायल हो गए।

नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्रों के पास के इलाकों में रहने वाले हजारों लोगों ने अपने घर छोड़कर सरकारी राहत शिविरों में शरण ली। चार दिन तक सीमा पार ड्रोन और मिसाइल हमले जारी रहने के बाद 10 मई को सैन्य टकराव समाप्त करने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच सहमति बनी थी।

कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा ने शनिवार को कहा, ‘‘गांधी एक गुरुद्वारे, एक मंदिर, एक मदरसे और एक ईसाई मिशनरी स्कूल सहित गोलाबारी से प्रभावित संरचनाओं का दौरा करेंगे। वह शोकसंतप्त परिवारों और नागरिक समाज के सदस्यों से भी मिलेंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘गांधी पहले ऐसे राष्ट्रीय नेता हैं जो प्रभावित आबादी के प्रति एकजुटता व्यक्त करने और उनका दर्द साझा करने के लिए उनके पास पहुंचे हैं।’’

गांधी ने आतंकवादी हमले के बाद पिछले महीने जम्मू-कश्मीर के अपने दौरे के दौरान कहा था कि आतंकवादी हमले के पीछे की अवधारणा देश के लोगों को विभाजित करने की थी और यह जरूरी है कि भारत एकजुट होकर आतंकवाद को हमेशा के लिए हरा दे।