भारत में कोरोना वायरस का नया वैरिएंट एपी स्ट्रेन आया सामने,15 गुना ज्यादा है संक्रामक ?

राष्ट्रीय
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हैदराबाद,04 मई (ए)। भारत में कोरोना वायरस का एक नया वैरिएंट सामने आया है। जिसका नाम है एपी स्ट्रेन (AP Strain)। यानी ये वैरिएंट आंध्र प्रदेश में खोजा गया है। वैज्ञानिक भाषा में इसे N440K वैरिएंट बुलाया जा रहा है। इसकी खोज की है सेंटर फॉर सेल्यूलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (CCMB) के वैज्ञानिकों ने। बताया जा रहा है कि यह वैरिएंट 15 गुना ज्यादा संक्रामक है। इसकी वजह से 3 से 4 दिन में ही लोग बीमार हो जा रहे हैं। एपी स्ट्रेन (AP Strain) यानी N440K वैरिएंट को सबसे पहले आंध्र प्रदेश के कुरनूल में खोजा गया था। यह वैरिएंट B1.617 और B1.618 वैरिएंट से ज्यादा ताकतवर है। विशाखापट्टनम के डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर वी.विनय चंद ने बताया कि CCMB में इस समय कई वैरिएंट्स की जांच की जा रही है। कौन सा वैरिएंट कितना खतरनाक है ये तो CCMB के साइंटिस्ट ही बता पाएंगे। लेकिन यह बात सच है कि नया स्ट्रेन मिला है। उसके सैंपल प्रयोगशाला में भेजे गए हैं। ऐसा देखने में आ रहा है कि कोरोना वायरस का नया एपी स्ट्रेन (AP Strain) यानी N440K वैरिएंट जल्दी विकसित हो रहा है। इसका इनक्यूबेशन पीरियड और बीमारी फैलाने की समयसीमा कम है। ये काफी तेजी से फैल रहा है साथ ही ज्यादा लोगों को संक्रमित कर रहा है। इस स्ट्रेन से संक्रमित लोग 3 से 4 दिन में ही गंभीर हालत में पहुंच जा रहे हैं। पहली कोरोना लहर जैसी हालत नहीं है। इस बार नए वैरिएंट तेजी से लोगों को बीमार कर रहे हैं। एपी स्ट्रेन (AP Strain) यानी N440K वैरिएंट को लेकर अभी वैज्ञानिक भी परेशान हैं क्योंकि इसके बारे में ज्यादा कुछ बता पाना मुश्किल हो रहा है। यह वायरस से तेजी से युवा लोगों को टारगेट कर रहा है। ये उन्हें भी नहीं छोड़ रहा है जो फिटनेस का ख्याल रखते हैं। या फिर जिनकी इम्यूनिटी बहुत मजबूत है। लोगों के शरीर में साइटोकाइन स्टॉर्म आ रहे हैं। दक्षिण भारत में इस समय पांच मुख्य कोरोना वैरिएंट फैले हुए हैं. इनमें शामिल हैं B.1, B.1.1.7, B.1.351, B.1.617 और B.1.36* (N440K)
ऐसा देखने को मिल रहा है कि दक्षिण भारत के आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना में इस समय एपी स्ट्रेन (AP Strain) यानी N440K वैरिएंट काफी तेजी से फैल रहा है. महाराष्ट्र से तुलना करें तो वहां पर अभी सबसे ज्यादा असर B.1.617 वैरिएंट का असर है। लेकिन अब वहां भी एपी स्ट्रेन (AP Strain) यानी N440K वैरिएंट पहुंच चुका है
महाराष्ट्र में इस समय लोग कोरोना वायरस के 6 स्ट्रेन से पीड़ित हैं. ये हैं – B.1, B.1.1.7, B.1.351, B.1.36*(N440K), B.1.617 और B.1.618 वैरिएंट. यानी एपी स्ट्रेन का असर महाराष्ट्र में भी है। आपको बता दें कि एपी स्ट्रेन (AP Strain) यानी N440K वैरिएंट एक म्यूटेशन है। इसकी लीनिएज इतनी ताकतवर नहीं है लेकिन ये दक्षिण भारत के लिए चिंता का विषय है। क्योंकि इस वैरिएंट की वजह से पिछले सात दिनों में महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल और तेलंगाना में कोरोना के केस बढ़े हैं। इसलिए अब डॉक्टर्स और वैज्ञानिक इन नए कोरोना स्ट्रेन को लेकर काफी चिंतित हैं। हाल ही में प्रयोगशाला में हुए परीक्षण के दौरान पता चला है कि ये अलग-अलग वैरिएंट्स यानी स्ट्रेन लोगों को संक्रमित करने के लिए आपस में प्रतियोगिता करते हैं। यानी किस वैरिएंट ने कितने लोगों को संक्रमित किया। क्योंकि ये खुद को जिंदा रखने के लिए ऐसा करते हैं. एपी स्ट्रेन (AP Strain) यानी N440K वैरिएंट भी ऐसी ही प्रतियोगिता में भाग ले रहा है
इससे संक्रमित लोगों की संख्या दक्षिण भारत में बढ़ रही है। वायरस के वैरिएंट्स की ‘आओ इंसानों को संक्रमित करें’ प्रतियोगिता को खत्म किया जा सकता है। इसके लिए जरूरी है कि हर इंसान अपने आप को बचाए. कोविड प्रोटोकॉल का पूरा पालन करें. अगर इसमें जरा सी भी लापरवाही दिखाई गई या कोताही बरती गई तो आपको कोरोना वायरस का कोई न कोई स्ट्रेन जकड़ लेगा। महाराष्ट्र में कोरोना वायरस की दूसरी लहर दक्षिण भारत के चार राज्य आंध्र प्रदेश, केरल, कर्नाटक और तेलंगाना से करीब डेढ़ महीने पहले शुरू हुई. महाराष्ट्र में B.1.617 स्ट्रेन का बम फूटा. वहां सबसे ज्यादा लोग इसी वैरिएंट की चपेट में आए। इसी स्ट्रेन में म्यूटेशन हुआ तो वह आंध्र प्रदेश के कुरनूल से निकला। जिसे अब एपी स्ट्रेन (AP Strain) यानी N440K वैरिएंट कहा जा रहा है. इस समय पूरे देश में कोरोना वायरस के जिस स्ट्रेन से सबसे ज्यादा लोग प्रभावित हैं, उनमें B.1.1.7 वाला स्ट्रेन है. उसके बाद B.1.617 स्ट्रेन से लोग संक्रमित है. इसके बाद B.1.351 वैरिएंट से बीमार हैं। जहां तक बात रही एपी स्ट्रेन (AP Strain) यानी N440K वैरिएंट की तो ये म्यूटेशन दक्षिण भारत में मौजूद वायरल जीनोम्स में 20 फीसदी से कम है। लेकिन ये जिस वैरिएंट में मिल रहा है वो और खतरनाक हो जा रहा है
जिसकी वजह से लोग 3 से 4 दिन में ही गंभीर रूप से बीमार हो जा रहे हैं