आखिर क्यों कार से निकलकर भागीं महिला आईपीएस अधिकारी, जानें क्या है पूरा मामला

राष्ट्रीय
Spread the love


चेन्नई, 28 फरवरी (ए)। तमिलनाडु सरकार ने स्पेशल डीजीपी को उनके पद से हटा दिया है क्योंकि एक आईपीएस अधिकारी ने स्पेशल डीजीपी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। हालांकि शिकायत मिलने के बाद नाटकीय अंदाज में घटनाएं हुईं। शिकायत करने वालीं महिला आईपीएस अधिकारी करीब 40 मिनट तक स्पेशल डीजीपी के साथ कार में रहीं और फिर निकलकर भागने लगी। वह कार रोकने के बाद गेट से निकलकर पैदल दौड़ने लगीं। बाद में उन्हें 150 पुलिसकर्मियों ने घेर लिया। यह घटना 22 फरवरी की दोपहर की है। इससे एक दिन पहले डीजीपी जेके त्रिपाठी और गृह मंत्रालय में शिकायत की गई थी। शिकायत मिलने के दो दिन बाद सरकार ने स्पेशल डीजीपी राजेश दास (कानून व्यवस्था) को उनके पद से हटा दिया था। गृह मंत्रालय ने मामले की जांच करने के लिए छह सदस्यीय कमिटी का गठन किया है। वहीं मुख्यमंत्री ईडापड्डी पलानीस्वामी का कहना है कि अबतक की जांच में कुछ भी साबित नहीं हुआ है। जांच जारी है।
वहीं दास का कहना है कि शिकायत ‘राजनीति से प्रेरित’ है। उन्होंने कहा, ‘क्या आप नहीं जानते कि यह एक झूठी शिकायत है, यह राजनीतिक है? आप जांच के परिणाम तक इंतजार क्यों नहीं करते? क्या आप नहीं जानते कि आप इस मामले के बारे में नहीं लिख सकते हैं?’ दूसरी ओर वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने कथित घटना के कुछ महत्वपूर्ण क्षणों को देखा है या विवरण तक उनकी पहुंच है।
वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, घटनाओं का क्रम त्रिची-चेन्नई राजमार्ग पर पिछले रविवार को रात लगभग 10 बजे सामने आया। चुनावी कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री का काफिला कोंगू क्षेत्र से बाहर निकल गया था और स्पेशल डीजीपी ‘वीआईपी ड्यूटी’ के बाद चेन्नई वापस अपने घर जा रहे थे। रास्ते में शिकायतकर्ता का भी क्षेत्र था जहां उन्हें वरिष्ठ अधिकारियों को रिसीव करना था। 
उन्होंने बताया कि सामान्य तौर पर सैल्यूट करने के बाद काफिले में शामिल होना होता है लेकिन वरिष्ठ अधिकारी ने उन्हें कार के अंदर बैठने को कहा। कार 40 मिनट तक चलती रही। इसके बाद वे अगले प्वाइंट पर पहुंचे, जहां आईजीपी (उत्तर क्षेत्र) के शंकर, डीआईजी एम पांडियन और आईपीएस अधिकारी जियाउल हक दास का इंतजार कर रहे थे। जैसे ही कार रुकी महिला अधिकारी उससे उतरकर भागने लगी।
सूत्रों ने कहा, जैसे ही कार रुकी, महिला अधिकारी कार के दाईं ओर से गेट खोलकर निकल गईं। वह 15-20 मीटर तक दौड़ीं लेकिन उनकी अपनी आधिकारिक कार बहुत पीछे थी। उन्होंने हक से उनकी कार मांगी। उन्होंने घटना के बारे में किसी से कुछ नहीं कहा। इस मामले पर आईजीपी शंकर ने किसी भी तरह की टिप्पणी करने से मना कर दिया है। वहीं हक ने कहा, ‘मामले की जांच की जा रही है। मैं कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता।’