विरोध के बावजूद वापस नहीं होगी अग्निपथ योजना, तीनों सेनाओं की प्रेस कॉन्फ्रेंस में हुआ यह एलान

राष्ट्रीय
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नई दिल्ली, 19 जून (ए)। देश के कई राज्यों में हो रहे विरोध के बीच रविवार को लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि अग्नि पथ योजना किसी भी हालत में वापस नहीं होगी। सेना में भर्ती होने के लिए सबसे पहली जरूरत अनुशासन की होती है, इसलिए युवाओं को शांत होकर योजना को समझना चाहिए। सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अरुण पुरी ने कहा कि देश की सेवा में बलिदान देने वाले अग्निवीरों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा मिलेगा। अग्निवीर’ को सियाचिन और अन्य क्षेत्रों जैसे क्षेत्रों में वही भत्ता और सुविधाएं मिलेंगी जो वर्तमान में नियमित सैनिकों पर लागू होती हैं। सेवा शर्तों में उनके साथ कोई भेदभाव नहीं होगा। विरोध प्रदर्शन के बीच सेना ने प्रेस कांफ्रेंस में तीनों सेनाओं भर्ती प्रक्रिया के लिए तारीखों का एलान कर दिया है। थलसेना ने कहा है कि उसकी भर्ती प्रक्रिया 1 जुलाई से शुरू हो जाएगी।लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने कहा कि अग्निवीर बनने के लिए आवेदन करने वाला प्रत्येक उम्मीदवार एक प्रमाण-पत्र देगा कि वह विरोध, आगजनी, तोड़फोड़ और हिंसा का हिस्सा नहीं था। पुलिस सत्यापन 100 प्रतिशत है, उसके बिना कोई भी शामिल नहीं हो सकता है। यदि किसी उम्मीदवार के खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज की जाती है तो वे भारतीय सशस्त्र बलों में शामिल नहीं हो सकते। उन्हें नामांकन फॉर्म के हिस्से के रूप में यह लिखने के लिए कहा जाएगा कि वे आगजनी का हिस्सा नहीं थे, उनका पुलिस सत्यापन किया जाएगा।    इससे पहले

वायुसेना ने लघु अवधि के लिए सेनाओं की भर्ती संबंधी ‘अग्निपथ योजना’ को लेकर देश के कई राज्यों में हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच, इस योजना को लेकर रविवार को विस्तृत जानकारी जारी की।

वायुसेना ने योजना संबंधी अपने नोट में ‘अग्निपथ’ को सशस्त्र बलों के लिए एक नई मानव संसाधन प्रबंधन योजना बताया और कहा कि बल में भर्ती अभ्यर्थी वायुसेना अधिनियम, 1950 से शासित होंगे।

इसने कहा कि सेवा अवधि पूरी होने से पहले स्वयं को सेवामुक्त करने का ‘अग्निवीर’ का अनुरोध स्वीकार नहीं किया जाएगा और केवल असाधारण मामलों में इसकी अनुमति होगी तथा सक्षम प्राधिकारी के अनुमोदन के बाद ही ऐसा किया जाएगा।

वायुसेना के 29 बिंदुओं वाले नोट में नई योजना के बारे में पात्रता मानदंड, पारिश्रमिक पैकेज, चिकित्सा और सीएसडी (कैंटीन स्टोर विभाग) सुविधाएं, दिव्यांगता के लिए मुआवजा, दिव्यांगता की सीमा की गणना, छुट्टी एवं प्रशिक्षण समेत विभिन्न जानकारियां मुहैया कराई गई हैं।

इसने कहा कि 18 वर्ष से कम आयु के कर्मियों के लिए नामांकन पत्र पर मौजूदा प्रावधानों के अनुसार माता-पिता या अभिभावकों से हस्ताक्षर कराने होंगे।

सरकार ने प्रदर्शनकारियों को शांत करने के प्रयास में बृहस्पतिवार रात ‘अग्निपथ’ योजना के तहत भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा को वर्ष 2022 के लिए 21 से बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया था।

उसने इस योजना की शुरुआत करते हुए मंगलवार को कहा था कि साढ़े सत्रह साल से 21 साल तक की आयु के युवाओं को चार साल के कार्यकाल के लिए शामिल किया जाएगा, जबकि उनमें से 25 प्रतिशत को बाद में नियमित सेवा में शामिल किया जाएगा। नयी योजना के तहत भर्ती होने वाले युवाओं को ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा। इस योजना का एक प्रमुख उद्देश्य सैन्यकर्मियों की औसत आयु को कम करना और बढ़ते वेतन एवं पेंशन बिल में कटौती करना है।

वायुसेना ने कहा, ‘‘चार साल की अवधि के बाद सभी अग्निवीर समाज में लौट जाएंगे। बहरहाल, वायुसेना द्वारा घोषित संगठनात्मक आवश्यकताओं और नीतियों के आधार पर बाहर निकलने वाले अग्निवीरों को वायुसेना के नियमित काडर में नामांकन के लिए आवेदन करने का अवसर दिया जाएगा।’’

उसने कहा, ‘‘प्रत्येक अग्निवीर द्वारा प्राप्त कौशल के लिए एक प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा, जो उसके बायोडाटा का हिस्सा बनेगा। इन आवेदनों पर एक केंद्रीकृत बोर्ड पारदर्शी तरीके से विचार करेगा और वायुसेना में मूल अग्निवीरों के विशिष्ट बैच की संख्या के अधिकतम 25 प्रतिशत सैनिकों को प्रदर्शन के आधार पर शामिल किया जाएगा।’’

इसके बाद, अग्निवीरों को सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए चुने जाने का कोई अधिकार नहीं होगा और उनका चयन सरकार का विशेषाधिकार होगा।

वायुसेना ने कहा कि केवल उन्हीं अग्निवीरों को नियमित सेवा में बरकरार रखा जाएगा, जो इससे पहले का चार साल का कार्यकाल पूरा करेंगे।

उसने कहा कि योजना के तहत अग्निवीरों को संगठनात्मक हित में कोई भी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है और वे मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार सम्मान और पुरस्कार के हकदार होंगे। उसने कहा कि अग्निवीर कार्य अवधि के दौरान अपनी वर्दी पर एक विशिष्ट प्रतीक चिह्न लगाएंगे।

वायुसेना ने कहा कि छुट्टी की अनुमति संगठन की आवश्यकताओं के अनुसार दी जाएगी। उसने बताया कि प्रत्येक अग्निवीर को 30 दिन की वार्षिक छुट्टी दी जाएगी, जबकि बीमारी की छुट्टी ‘‘चिकित्सकीय सलाह’’ पर निर्भर करेगी।

उसने कहा कि अग्निवीरों को भारतीय वायुसेना में एक अलग रैंक दिया जाएगा, जो किसी भी अन्य मौजूदा रैंक से अलग होगा। अग्निवीरों को नई योजना के सभी नियमों और शर्तों को स्वीकार करना होगा।