गज़ब: जब खुद की जगह भाई को मंत्री ने भेजा सरकारी कार्यक्रम में, हुआ हंगामा तो—

पटना बिहार
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पटना, 05 मार्च (ए)। बिहार के पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री मुकेश सहनी ने खुद की जगह एक सरकारी कार्यक्रम में अपने भाई को भेज दिया ।यह मामला शुक्रवार को बिहार विधान मंडल के दोनों सदनों में गरमाया रहा। विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में जब यह मामला उठा तो उन्होंने इस पर संज्ञान लिया। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा हुआ है तो यह आश्चर्यजनक है। कहा कि उनकी जानकारी में यह नहीं है। ये काम किसी मंत्री का नहीं है। ऐसी बात तो होनी नहीं चाहिए थी। मैं बात करूंगा। बाद में सहनी ने मुख्यमंत्री से मिलकर स‌फाई दी। मीडिया से बातचीत में खेद भी जताया।
विधान परिषद में पहली पाली में राजद ने मंत्री मुकेश सहनी की बर्खास्तगी की मांग को लेकर हंगामा किया। प्रश्नकाल भी लगभग 15 मिनट बाधित रहा। विपक्षी सदस्य सुबोध राय, डॉ सुनील कुमार सिंह सहित अन्य ने हाजीपुर के सरकारी कार्यक्रम में मंत्री के भाई संतोष सहनी द्वारा लाभार्थियों को सामग्री वितरण और सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग का हवाला देकर हंगामा शुरू किया। अंतत: कार्यकारी सभापति ने सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। दूसरी पाली में तीन विभागों – भूमि सुधार, श्रम और वित्त तथ वाणिज्य कर के आय-व्यय पर चर्चा भी इसी मुद्दे पर शोरगुल में डूब गयी। चर्चा के दौरान तनवीर अख्तर की टिप्पणी पर राजद के सुनील सिंह और सुबोध कुमार आपत्ति जता ही रहे थे कि पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री मुकेश सहनी सदन में आ गये। राजद के लगातार नारेबाजी के बाद सभापति ने सरकार का उत्तर पटल पर रखने का निर्देश देकर कार्यवाही सोमवार तक लिए स्थगित कर दी। चर्चा के दौरान जब तनवीर अख्तर की बारी आई तो उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद और राबड़ी देवी के कार्यकाल को लेकर कुछ टिप्पणी कर दी। सुनील सिंह और सुबोध कुमार ने इस पर आपत्ति की।
वहीं विधानसभा में शून्यकाल के दौरान सदन नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में भाई वीरेन्द्र के नेतृत्व में राजद समेत विपक्ष के विधायक कहने लगे कि मंत्री किसी सरकारी कार्यक्रम में अपने भाई को कैसे भेज सकते हैं?। इसपर मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर ऐसा हुआ है तो यह आश्चर्यजनक है। भाई वीरेन्द्र अध्यक्ष और सदन के नेता को एक अखबार का कतरन दिखाने लगे। उनके साथ अन्य सदस्य भी खड़े हो गए। विपक्ष ने अखबार के खबर की छायाप्रति मुख्यमंत्री को भेजी। विपक्ष के विरोध के बीच ही मुख्यमंत्री ने कहा कि ये काम किसी मंत्री का नहीं है। ऐसी बात तो होनी नहीं चाहिए थी। मुख्यमंत्री द्वारा जवाब दिए जाने के बाद विपक्ष शांत हुआ और शून्यकाल आगे बढ़ा। हालांकि इस दौरान मुकेश सहनी सदन में मौजूद नहीं थे