बिहार विधानसभा चुनाव : भाकपा (माले) ने 19 सीटों का प्रस्ताव ठुकराया, 30 सीट पर लड़ने की मंशा

राष्ट्रीय
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नयी दिल्ली: सात अक्टूबर (ए) भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन ने बिहार विधानसभा चुनाव में ‘महागठबंधन’ के घटक के तौर पर 19 सीटों पर चुनाव लड़ने की पेशकश को यह कहते हुए ठुकरा दिया है कि यह ‘‘सम्मानजनक’’ प्रस्ताव नहीं हैं।

वामपंथी दलों से जुड़े सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।सूत्रों ने बताया कि भाकपा (माले) लिबरेशन ने वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में जितनी सीटों पर चुनाव लड़ा था, इस बार उसे उतनी ही सीटों की पेशकश की गई थी।

उनका कहना है, ‘‘इनमें से हमारी कम से कम तीन सीटें बदल दी गईं।’’

पिछले विधानसभा चुनाव में वह 19 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और 12 सीटें जीती थी। इस बार, वामपंथी दल ने लड़ने के लिए लगभग 40 सीटें मांगी थीं।

पार्टी से संबंधित एक सूत्र ने कहा, ‘‘भाकपा (माले) लिबरेशन ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया क्योंकि यह सम्मानजनक प्रस्ताव नहीं था, और हम लगभग 30 सीटों पर लड़ने के लिए एक नया प्रस्ताव रखने जा रहे हैं।’’

भाकपा (माले) ने यह भी तर्क दिया है कि पार्टी ने ‘महागठबंधन’ को न केवल उन सीटों पर मदद की जिन पर उन्होंने चुनाव लड़ा था, बल्कि आसपास के इलाकों में वोट भी हासिल किए।

यह पूछे जाने पर उनका प्रस्ताव नहीं माने जाने पर क्या रुख होगा तो वामपंथी दल के सूत्रों ने कहा, ‘‘सभी विकल्प खुले हैं।’’

महागठबंधन में कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, वाम दल और मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) शामिल हैं।

वर्ष 2020 में राजद ने 144 सीटों पर चुनाव लड़ा और 75 पर जीत हासिल की, जबकि कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा और 19 पर जीत हासिल की।