तालिबानी मानसिकता कतई बरदाश्त नहीं : योगी

उत्तर प्रदेश शामली
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कैराना (शामली), आठ नवंबर (ए) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को स्पष्ट शब्दों में कहा कि ‘‘तालिबानी मानसिकता’’ कतई स्वीकार नहीं होनी चाहिये और आगाह किया कि राज्य में तालिबान का समर्थन करने वालों के साथ सख्ती से निपटा जाएगा।

दंगों को राजनीतिक नहीं बल्कि देश की अस्मिता से जुड़़ा मुद्दा बताते हुए योगी ने कहा, ‘‘अगर कोई हमारी अस्मिता को ठेस पहुंचाने, दंगा भड़काने का प्रयास करेगा तो उसकी आने वाली कई पीढ़ियां भूल जाएंगी कि दंगा कैसे होता है।’

योगी ने शामली में 425 करोड़ रुपए की लागत से बनी विभिन्न विकास परियोजना का लोकार्पण और शिलान्यास करने के बाद अपने संबोधन में किसी का नाम लिये बगैर कहा, ‘जो लोग अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर नहीं चाहते थे, जो लोग कश्मीर में अनुच्देद 370 को समाप्त करने का विरोध करते थे। यह लोग कब खुश होते हैं… जब मुजफ्फरनगर में दंगा होता है, जब कैराना से पलायन होता है और जब अफगानिस्तान में तालिबान का शासन होता है। तब उनके नारे लगते हैं लेकिन हम तालिबानीकरण कतई स्वीकार नहीं होने देंगे।’

उन्होंने कोई संदर्भ दिये बगैर कहा, ‘उत्तर प्रदेश की धरती पर जो भी तालिबान का समर्थन करेगा, उससे सख्ती से निपटा जाएगा। तालिबानी मानसिकता नहीं स्वीकार होनी चाहिए। यह समाज को मध्य युग में ले जाने की चेष्टा है।…जो लोग केवल और केवल एक मजहबी जुनून के साथ जीते हैं, वे इन तालिबानी कृत्यों का समर्थन कर रहे हैं। इसे उत्तर प्रदेश की धरती पर कतई स्वीकार नहीं किया जाएगा।’

मुजफ्फरनगर दंगा और कैराना से पलायन के संदर्भ में योगी ने कहा, ‘हमारे लिए यह राजनीति का नहीं बल्कि प्रदेश और देश की आन, बान और शान पर आने वाली आंच और अस्मिता का मुद्दा है। अगर कोई हमारी अस्मिता को ठेस पहुंचाने का प्रयास करेगा, दंगा भड़काने का प्रयास करेगा तो उसकी आने वाली कई पीढ़ियां भूल जाएंगी कि दंगा कैसे होता है।’

योगी ने पूर्ववर्ती सपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, ‘पहले यहां के नौजवानों को झूठे मुकदमों में फंसा कर उनकी जिंदगी तबाह करने का काम होता था। हमारे वरिष्ठ नेताओं हुकुम सिंह, संजीव बालियान और सुरेश राणा के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए जाते थे। उन्हें प्रताड़ित किया जाता था। महीनों जेल में डाला जाता था। दंगाइयों को मुख्यमंत्री के आवास पर बुलाकर सम्मानित किया जाता था।’

मुख्यमंत्री ने दावा किया, ‘हमने सत्ता में आने के बाद अपराध और अपराधियों के प्रति कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपनायी है और कभी कैराना से व्यापारियों और नागरिकों को पलायन पर मजबूर करने वाले अपराधी अब खुद भागने को मजबूर हैं। अगर किसी ने व्यापारी या निर्दोष व्यक्ति को गोली मारने की कोशिश की तो, उस गोली ने उसके सीने को चीरा और उसे परलोक पहुंचा दिया।’’

सपा पर निशाना साधते हुए योगी ने आरोप लगाया, ‘जिन लोगों के लिए वोट बैंक सर्वोपरि है, वे मुजफ्फरनगर के दंगाइयों और कैराना के आतताइयों को सम्मानित करते थे। मुजफ्फरनगर में दो निर्दोष नौजवान मारे गए, निर्दोष हिंदुओं के घर जलाए जा रहे थे, तब जातिवाद की राजनीति करने वालों को नजर नहीं आ रहा था।’’

उन्होंने कांग्रेस और सपा के नेताओं का नाम लिये बिना उन पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘कहा गया है धर्म चक्र परिवर्तनाय। यह धर्म चक्र है जिसे (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी ने ऐसा घुमा दिया है कि जो लोग कल तक मंदिर जाने में संकोच करते थे, आज उनका टीका तिलक इतना बड़ा लगा होता है जैसे वे ही सबसे बड़े हिंदू हैं।’

मुख्यमंत्री ने इस मौके पर 250 करोड़ रुपये की लागत से गठित होने वाली पीएसी बटालियन की आधारशिला रखी। इस बटालियन में 1278 जवान रहेंगे।