जम्मू: 14 अगस्त (ए) जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के एक सुदूर गांव में बृहस्पतिवार को बादल फटने की घटना के बाद बड़े पैमाने पर बचाव और राहत अभियान शुरू किया गया है। इस घटना में कम से कम 32 लोगों की मौत हो गई और बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। मचैल माता मंदिर जाने वाले रास्ते के चशोती गांव में यह आपदा अपराह्न 12 बजे से एक बजे के बीच आई। हादसे के समय मचैल माता यात्रा के लिए बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए थे। साढ़े नौ हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित मचैल माता मंदिर तक जाने के लिए श्रद्धालु चशोती गांव तक ही मोटर वाहन से पहुंच सकते हैं, उसके बाद उन्हें 8.5 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी होती है।
अधिकारियों ने बताया कि कम से कम 32 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, लेकिन मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है। उन्होंने बताया कि अब तक 65 लोगों को बचाया गया है।
चशोती गांव किश्तवाड़ शहर से लगभग 90 किलोमीटर दूर है। यहां श्रद्धालुओं के लिए लगाया गया एक लंगर (सामुदायिक रसोईघर) इस घटना से सबसे ज़्यादा प्रभावित हुआ। बादल फटने के कारण अचानक बाढ़ आ गई और दुकानों एवं एक सुरक्षा चौकी सहित कई इमारतें बह गईं।
किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा ने आपदा के तुरंत बाद बचाव दल को रवाना किया और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के साथ व्यक्तिगत रूप से अभियान की निगरानी के लिए खुद भी घटनास्थल की ओर रवाना हुए।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि उन्होंने किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा से इस संबंध में बात की है।
उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘चशोती क्षेत्र में बादल फटने की एक बड़ी घटना हुई है, जिससे भारी जनहानि होने की आशंका है। प्रशासन कार्रवाई में तुरंत जुट गया है और बचाव दल घटनास्थल के लिए रवाना हो गया है।’’
अधिकारियों ने बताया कि इस घटना के बाद मंदिर की वार्षिक यात्रा स्थगित कर दी गई है तथा प्राधिकारी सभी बचाव कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने और बड़े पैमाने पर बचाव एवं राहत अभियान के लिए घटनास्थल रवाना हो गए हैं।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के दो दल उधमपुर से किश्तवाड़ भेजे गए हैं।
उपायुक्त ने कहा, ‘‘इलाके में बड़े पैमाने पर बचाव अभियान शुरू कर दिया गया है।’’ वह स्वयं मौके पर पहुंच रहे हैं।
अधिकारियों ने बताया कि पहाड़ी की तलहटी में बसी घनी बस्ती में अचानक आई बाढ़ ने कई घरों को प्रभावित किया है।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस घटना में हुई जानमाल की हानि पर दुख व्यक्त किया।
उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘किश्तवाड़ के चशोती में बादल फटने की घटना से व्यथित हूं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। असैन्य, पुलिस, सेना, एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) और एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन बल) अधिकारियों को बचाव एवं राहत अभियान को और तेज करने तथा प्रभावितों को हरसंभव सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए।’’
विपक्ष के नेता सुनील कुमार शर्मा ने कहा कि उन्हें बादल फटने की बड़ी घटना होने की सूचना मिली है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि फिलहाल किसी के पास सटीक आंकड़े हैं, लेकिन आशंका है कि इलाके में भारी नुकसान हुआ है।’’
शर्मा ने कहा कि वहां भारी नुकसान होने की आशंका है। उन्होंने कहा, ‘‘यात्रा जारी रहने के कारण इलाके में काफी भीड़ है।’’
पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने भी घटना पर शोक व्यक्त किया।
उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘चशोती, किश्तवाड़ में बादल फटने की घटना से बहुत दुखी हूं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। सरकार से आग्रह करता हूं कि वह तुरंत बचाव और राहत अभियान चलाए और प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता और उपचार सुनिश्चित करे।’’
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता जहांजैब सिरवाल ने प्रभावित लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि यह हृदयविदारक घटना एक व्यापक चिंता को रेखांकित करती है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और यह है किश्तवाड़ में बिजली परियोजनाओं का अनियंत्रित प्रसार।
सिरवाल ने कहा, ‘‘विकास आवश्यक है, लेकिन कठोर तंत्र या उचित पर्यावरणीय आकलन के बिना चल रही परियोजनाएं हमारे नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र के लिए गंभीर खतरा पैदा करती हैं।’’ उन्होंने केंद्र से इन पहलों पर तत्काल और गहन जांच करने का आग्रह किया।
सिरवाल ने कहा, ‘‘यदि अब भी कड़े कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले वर्षों में किश्तवाड़ और उसके लोगों के लिए परिणाम और भी भयावह हो सकते हैं।’’
बादल फटने की घटना के बाद चिशोती गांव में अचानक बाढ़ आ गई, जिससे कई घरों को नुकसान पहुंचा है। जिला प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। दोनों पुल, लकड़ी का पुल और पीएमजीएसवाई पुल, क्षतिग्रस्त हो गए हैं।