मुंबई: 21 जुलाई (ए)

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा छावा संगठन के कार्यकर्ताओं की पिटाई को गंभीरता से लेते हुए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने सोमवार को अपनी पार्टी की युवा शाखा के प्रमुख सूरज चव्हाण से अपने पद से इस्तीफा देने को कहा।
पवार ने रविवार को हुई इस घटना को निंदनीय बताते हुए एक बयान में कहा कि यह सख्त फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि उनका व्यवहार पार्टी के मूल्यों के खिलाफ है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पवार ने चव्हाण को मुलाकात के लिए बुलाया था।अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के कार्यकर्ताओं ने रविवार को छावा संगठन के कार्यकर्ताओं की पिटाई कर दी, क्योंकि वे महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष सुनील तटकरे से लातूर में संवाददाता सम्मेलन के दौरान भिड़ गए और उनके सामने ताश के पत्ते फेंके।
हाल ही में संपन्न राज्य विधानमंडल के मानसून सत्र के दौरान कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे को अपने मोबाइल फोन पर कथित तौर पर रम्मी खेलते हुए दिखाने वाला एक वीडियो वायरल हुआ था जिसके बाद छावा संगठन के कार्यकर्ता मंत्री के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे।
राकांपा (शरदचंद्र पवार) विधायक रोहित पवार द्वारा कोकाटे का वीडियो क्लिप साझा करने के बाद कोकाटे ने स्पष्ट किया कि वह केवल एक डाउनलोड किए गए गेम को स्किप कर रहे थे, जो विधान परिषद में उनके मोबाइल फोन की स्क्रीन पर दिखायी दे रहा था।
टेलीविजन चैनलों पर छावा संगठन के नेता विजय घाटगे को तटकरे से भिड़ते और कोकाटे के इस्तीफे की मांग करते हुए उनकी मेज पर ताश के पत्तों की गड्डी फेंकते हुए दिखाया गया। कुछ देर बाद राकांपा कार्यकर्ताओं ने घाटगे और अन्य लोगों को लात-घूंसों से पीटा, जिसके बाद पुलिस ने हस्तक्षेप करके उन्हें अलग किया।
हमले में शामिल राकांपा युवा शाखा के अध्यक्ष सूरज चव्हाण ने आरोप लगाया कि यह घटना घाटगे और अन्य पदाधिकारियों द्वारा राकांपा नेताओं के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने के कारण हुई।
उन्होंने रविवार को संवाददाताओं से कहा, ‘हमने अपना आपा खो दिया और यह कदम उठा लिया। सिर्फ इसलिए कि हम सत्ता में हैं इसका मतलब यह नहीं है कि हम कुछ गलत कर रहे हैं।’
इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि उन्होंने चव्हाण से तत्काल अपने पद से इस्तीफा देने को कहा है।
पवार ने बयान में कहा कि लातूर में राकांपा और छावा संगठन के पदाधिकारियों के बीच हुई घटना अत्यंत गंभीर, दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है।
राकांपा प्रमुख ने कहा कि वह किसी भी प्रकार की हिंसा, अभद्र व्यवहार या असंसदीय भाषा के प्रयोग के खिलाफ हैं।
उन्होंने कहा, ‘हम समाज के हर वर्ग की जायज मांगों और भावनाओं का ईमानदारी से सम्मान करते हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की पहचान छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहू महाराज, महात्मा फुले और डॉ. बाबासाहेब आम्बेडकर के लोकतांत्रिक, समतावादी और भाईचारे के आदर्शों पर आधारित है।
रविवार की झड़प के बारे में महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि राजनीति में काम करने वाले लोगों को कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि वैचारिक मतभेद तो होने चाहिए, लेकिन स्थिति टकराव तक नहीं पहुंचनी चाहिए। राजनीति और सरकार में काम करने वाले लोग, चाहे वे सांसद हों, विधायक हों या मंत्री, हम सभी को जिम्मेदारी से काम करना चाहिए और कानून को अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए, बल्कि वैचारिक रूप से लड़ना चाहिए।