नयी दिल्ली: 23 अप्रैल (ए)।) दिल्ली उच्च न्यायालय ने बलात्कार और हत्या से जुड़े एक मामले में सजायाफ्ता एक व्यक्ति की पैरोल अर्जी यह कहते हुए स्वीकार कर ली कि सिर्फ इसलिए कि कोई अपराधी 20 साल से अधिक समय से जेल में है, उसके साथ ‘गुलाम’ जैसा व्यवहार नहीं किया जा सकता।