बच्चों को आनलाइन बेचने वाले गिरोह का खुलासा, लोनी में बेचा गया बच्चा लखनऊ से बरामद, 11 गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश गाजियाबाद
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गाजियाबाद , 23 मई (ए)। यूपी की गाजियाबाद पुलिस ने नवजात को बेचने के मामले में आठ महिलाओं समेत 11 लोगों को गिरफ्तार किया है।पुलिस ने डाबर तालाब कॉलोनी से 12 मई को बेचे गए 14 दिन के नवजात को लखनऊ से शनिवार सुबह बरामद कर लिया। पुलिस ने नवजात को बेचने के मामले में आठ महिलाओं समेत 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। तीन आरोपी अभी फरार हैं। आरोपियों से पांच लाख रुपये भी बरामद हुए हैं।
एसपी देहात डॉ. इराज राजा ने बताया कि दिल्ली के तिलकरामनगर कॉलोनी में रहने वाले गुरमीत और असमीत पति-पत्नी हैं। दोनों बच्चा खरीदने बेचने का गैंग चलाते हैं। दोनों ने इसके लिए डेलीहंट वेबसाइट भी बना रखी है। गैंग के सदस्य बच्चा खरीदने के लिए गरीब दंपती से संपर्क करते हैं। लखनऊ के मधुबन नगर आलमबाग में रहने वाले आलोक की बहन गर्भवती थी लेकिन उसका गर्भपात हो गया था। इसके बाद से वह परेशान रहने लगी थी। बहन की परेशानी दूर करने के लिए आलोक ने बच्चा खरीदने की ठानी। तभी साइट के जरिए आलोक की गुरमीत और असमीत से जान पहचान हुई। आलोक का इनसे साढ़े पांच लाख रुपये में बच्चा खरीदने का सौदा तय हुआ। एसपी देहात ने बताया कि गाजियाबाद के विजयनगर में रहने वाले वाहिद और डासना में रहने वाली फर्जी डॉक्टर मोनी उर्फ मोनिका गुरमीत और असमीत के गैंग से जुड़ी हैं। दोनों ने डाबर तालाब कॉलोनी में किराए पर रहने वाले फरियाद और फातमा से उनके 14 दिन के नवजात को ढाई लाख रुपये में खरीदने के लिए सौदा तय किया था। 12 मई को वाहिद और मोनिका फातमा के घर पहुंचे। उस समय फातमा अकेली थी। वाहिद और मोनिका ने फातमा को पैसे दे दिए। फिर बहाने से उसे शिकंजी में नशीला पदार्थ पिलाकर बेहोश कर दिया। जब वह होश में आई, तो घर से बच्चा और पैसे गायब थे। फातमा ने अपने पति को सूचना देकर पुलिस को बच्चा चोरी होने की जानकारी दी। उन्होंने अज्ञात के खिलाफ थाने में तहरीर भी दी थी। लेकिन जांच में दंपती द्वारा बच्चा बेचने का मामला सामने आया। फरियाद के बार-बार बयान बदलने से पुलिस को उस पर शक हुआ। बाद में पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की तो वाहिद का नाम सामने आया। पुलिस ने वाहिद को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो मोनिका का नाम सामने आया। पुलिस ने मोनिका को हिरासत में लिया। जिसके बाद दोनों ने पूछताछ में बताया कि उन्होंने बच्चे को दिल्ली निवासी प्रतिभा को बेचा है। पुलिस प्रतिभा तक पहुंची तो पता चला कि उसने दो लाख में बच्चे को दिल्ली निवासी गुरमीत और असमीत को बेच दिया। पुलिस ने गुरमीत और असमीत को पकड़ा। गुरमीत और असमीत ने बताया कि उन्होंने लखनऊ में आलोक को साढ़े पांच लाख रुपये में बच्चे को बेच दिया। जिसके बाद पुलिस लखनऊ पहुंची और बच्चे को बरामद किया।
कोतवाली एसएचओ ओपी सिंह ने बताया कि मोनिका ने फरार आरोपी प्रतिभा, ज्योति, प्रीति समेत अन्य महिलाओं से संपर्क कर करीब डेढ़ लाख रुपये में बच्चे का सौदा कर दिया। प्रतिभा और उसकी साथियों ने भी दिल्ली में रहने वाले दंपती असमीत कौर और गुरमीत को दो लाख रुपये में बेच दिया। गुरमीत और असमीत ने लखनऊ में आलोक को साढ़े पांच लाख रुपये में बच्चे को बेच दिया।
असमीत और गुरमीत का बच्चा बेचने का धंधा है। उन्होंने बच्चा बेचने और खरीदने के लिए एक ऑनलाइन साइड बना रखी है। लखनऊ में रहने वाले आलोक ने अपनी बहन के लिए बच्चा खरीदने की कोशिश की तो उन्हें इस साइट के बारे में पता चला। सर्च करने पर गुरमीत और असमीत से उनका संपर्क हुआ। जिसके बाद साढ़े पांच लाख रुपये में सौदा तय हुआ। 17 मई को गुरमीत और असमीत फ्लाइट से बच्चे को लेकर लखनऊ पहुंचे और आलोक से रुपये लेकर बच्चा उनको सौंप दिया। वहां से आकर दोनों ने पैसे सभी को बांट दिए थे।
पुलिस ने दबिश देकर वाहिद, असमीत कौर, गुरमीत, तस्मीम, रुबिना, प्रीति, सरोज, ज्योति, मोनी उर्फ मोनिका और बच्चा खरीदने के आरोपी आलोक अग्निहोत्री को गिरफ्तार किया है। वहीं प्रतिभा, इंदु, शिवा फरार हैं। एसएचओ ने बताया कि बच्चा बेचने के मामले में पुलिस अभी तक इन लोगों तक पहुंची है। इन लोगों के दिल्ली एनसीआर के अलग-अलग इलाकों में अभी 25 से 30 लोग और सक्रिय हैं। पुलिस उनकी भी पहचान कर रही है।
पुलिस ने बताया कि असमीत और गुरमीत कौर दिल्ली में किराए की कोख का भी धंधा चलाते हैं। असमीत दिल्ली के अस्पताल में नर्स की नौकरी करती थीं। वहां से ही वह निसंतान परिवार वालों से संपर्क करती थी। इलाज के बाद भी जिन महिलाओं को बच्चे नहीं होते थे, वह उनसे संपर्क करती थी और उन्हें किराए की कोख के जरिए बच्चा दिलाने का भरोसा दिलाती थी। इसके बदले वह उनसे मोटा पैसा वसूलती थी।
पुलिस ने पीड़ित दंपती को फोन में छह फोटो दिखाई थी लेकिन वह बच्चे को पहचान नहीं सकी। लखनऊ में बच्चा बरामद होने के बाद पुलिस ने मोबाइल में उसका फोटो दिखाया तो दंपती ने बच्चे को पहचान लिया। बच्चे को देखते ही मां फातमा की आंखों में आंसू आ गए। उन्होंने अपने लाल को गले लगाया और रोने लगी। लोनी सीओ ने बताया कि पुलिस चेन के सहारे आरोपियों तक पहुंची।
एक माह पर्व अशोक विहार कॉलोनी स्थित एक घर से नौ माह का बच्चा चोरी हुआ था। पुलिस बच्चे की बरामदगी का प्रयास कर रही थी। इस दौरान डाबर तालाब कॉलोनी में भी बच्चा चोरी होने पर पुलिस ने बच्चा चोरी गैंग के सदस्यों पर शक जाहिर किया था। इसके बाद से पुलिस गैंग के पीछे लग गई थी। डाबर तालाब कॉलोनी से चोरी हुआ बच्चा मिल गया लेकिन अशोक विहार कॉलोनी से चोरी हुए बच्चे के बारे में अभी कोई सुराग नहीं लगा है।