वैक्सीन की दोनो डोज लगने के बाद भी कोरोना से हुई डॉक्टर के. के अग्रवाल की मौत पर,डॉक्टर क्या बोले-जानें वजह

राष्ट्रीय
Spread the love


नई दिल्ली, 18 मई (ए)। भारत के जाने-माने डॉक्टर के के अग्रवाल का कोरोना वायरस से लंबी लड़ाई के बाद निधन होने के बाद यह सामने आया है कि वह वैक्सीन की दोनों डोज लगवा चुके थे। 28 अप्रैल को उनके कोरोना संक्रमित होने का पता चला और 17 मई की रात को वह इस दुनिया में नहीं रहे। डॉक्टर अग्रवाल कोविड एजुकेटर थे। उन्हें दोनों डोज लगे भी करीब 2 महीने हो चुके हैं। ऐसे में लोगों के मन में वैक्सीन को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। मेदांता के डॉक्टर अरविंद कुमार ने बताया कि क्या वजहें हो सकती हैं जिनके चलते वैक्सीन की दोनों डोज लगने के बाद भी लोगों की मौत की खबरें आ रही हैं। 
*तीसरे ट्रायल में वैक्सीन लगने वाले थे सुरक्षित-
मेदांता गुरुग्राम के डॉक्टर अरविंद कुमार ने एबीपी न्यूज से बातचीत में बताया, जब वैक्सीन के तीसरे फेज के ट्रायल हुए थे तो उस वक्त मुख्य मुद्दा आया था कि जिनको वैक्सीन लगी थी, उनको भी कोरोना हो रहा है। ऐसा नहीं है कि वैक्सीन लगने के बाद किसी को कोरोना नहीं हुआ। 25-30 फीसदी लोगों को कोरोना हुआ था। ट्रायल में वॉलंटियर ग्रुप में इन्फेक्शन माइल्ड था। हालांकि उस ग्रुप में किसी को हॉस्पिटल की, आईसीयू की या वेंटिलेटर की जरूर नहीं पड़ी थी। ना किसी की डेथ हुई थी। 
*सेकेंड वेब में सामने आईं कई मौत की खबरें*
डॉक्टर अरविंद ने बताया, सेकेंड वेब आने तक हम सभी डॉक्टर्स यही मान रहे थे कि वैक्सीन की दो डोज लगवाना वेंटिलेटर पर जाने, आईसीयू में जाने या मृत्यु से 100 फीसदी प्रोटेक्शन है। साथ ही इन्फेक्शन से 70-80 फीसदी प्रोटेक्शन है। लेकिन पिछले 6 हफ्ते जो सेकेंड वेब है, इसमें हमने देखा कई वैक्सीनेटेड पत्रकार, डॉक्टर्स और नर्सेज सीरियस हुए हैं और मौतें भी हुई हैं।
मौत के पीछे हो सकती हैं ये वजहें-
डॉक्टर अरविंद ने कहा कि ये रिसर्च का विषय है, क्या इन लोगों में दोनों डोज लगने के बाद एंटीबॉडी नहीं बनी? या एंटीबडी लेकिन समुचित मात्रा में नहीं बनी या जो न्यूट्रिलाइजिंग एंटीबॉडी चाहिए वो नहीं बनी? या तीसरी पॉसिबिलिटी है कि वायरस का नया स्ट्रेन इन एंटीबॉडीज को अवॉइड कर गया और इन्फेक्शन सीरियस हो गया।