विदेश सचिव मिसरी को ट्रोल किए जाने पर उनके समर्थन में आगे आए पूर्व राजनयिक और नेता

राष्ट्रीय
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नयी दिल्ली: 12 मई (ए) भारत और पाकिस्तान के बीच सभी प्रकार की सैन्य कार्रवाइयों को रोकने के लिए 10 मई को सहमति बनने के बाद सोशल मीडिया मंचों पर आलोचना का शिकार हो रहे विदेश सचिव विक्रम मिसरी का वरिष्ठ राजनयिक निरुपमा मेनन राव और नेताओं असदुद्दीन ओवैसी एवं अखिलेश यादव ने समर्थन दिया है।

समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख यादव ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ के जरिए कहा कि ऐसे बयानों से देश के लिए दिन-रात काम करने वाले ईमानदार एवं समर्पित अधिकारियों का मनोबल टूटता है।

यादव ने लिखा, ‘‘निर्णय तो सरकार का होता है, किसी अधिकारी का नहीं। यह बेहद संवेदनशील, निंदनीय, शर्मनाक, आपत्तिजनक और दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि देश के एक बहुत बड़े अधिकारी और उनके परिवार के खिलाफ कुछ असामाजिक-आपराधिक तत्व सरेआम अपशब्दों की सारी सीमाएं तोड़ रहे हैं लेकिन उनके मान-सम्मान की रक्षा के लिए न तो भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) सरकार, न ही उनका कोई मंत्री ऐसी अवांछित पोस्ट करनेवालों के खिलाफ सामने आकर किसी कार्रवाई की बात कर रहा है।”

भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पार से चार दिनों तक जारी रहे ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद जमीन, वायु और समुद्र में सभी तरह की गोलाबारी एवं सैन्य कार्रवाइयों को तत्काल प्रभाव से रोकने पर शनिवार को सहमति बनी।

विदेश सचिव मिसरी ने शनिवार शाम को घोषणा की कि भारत और पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशकों ने शनिवार दोपहर को बातचीत के दौरान इस समझौते पर सहमति व्यक्त की और अगली वार्ता 12 मई को दोपहर 12 बजे निर्धारित की गई है।

इस घोषणा से कुछ ही देर पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि अमेरिका की ‘‘मध्यस्थता’’ से दोनों पक्षों के बीच वार्ता हुई।

पूर्व विदेश सचिव निरुपमा मेनन ने वरिष्ठ राजनयिक को सोशल मीडिया पर ‘ट्रोल’ किए जाने को ‘‘बेहद शर्मनाक’’ बताया और कहा कि यह ‘‘शालीनता की हर सीमा को पार करता है।’’

उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘भारत और पाकिस्तान के बीच सहमति बनने की घोषणा को लेकर विदेश सचिव विक्रम मिसरी और उनके परिवार को ‘ट्रोल’ किया जाना बेहद शर्मनाक है। मिसरी एक समर्पित राजनयिक हैं, जिन्होंने पेशेवर तरीके और दृढ़ संकल्प के साथ भारत की सेवा की है। उनकी निंदा करने का कोई आधार नहीं है।’’

‘ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन’ (एआईएमआईएम) के प्रमुख ओवैसी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘विक्रम मिसरी एक सभ्य, ईमानदार, मेहनती राजनयिक हैं जो हमारे देश के लिए बिना थके काम कर रहे हैं। यह याद रखना चाहिए कि हमारे सिविल सेवा अधिकारी कार्यपालिका के अधीन काम करते हैं और उन्हें कार्यपालिका या वतन-ए-अजीज को चलाने वाले किसी राजनीतिक नेतृत्व द्वारा लिए गए निर्णय के लिए दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए।’’