जयपुर, 22 मई (ए)। देशभर में जारी कोरोना की दूसरी लहर से बचने के लिए लोग तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। कोई कोरोना देवी का मंदिर बनवा रहा है तो कुछ लोग काला जादू का सहारा ले रहे हैं,तो कुछ अलग तरीके से बचने का प्रयास कर रहे हैं। इसी तरह की एक खबर राजस्थान के भीलवाड़ा से आई है जहाँ लोग इस महामारी से बचने के लिए घरों के बाहर जूते-चप्पल लटका रखे हैं। भीलवाड़ा के दंतरा बांध गांव में लोगों ने कोरोना वायरस से बचने के लिए अपने घरों के बाहर जूते-चप्पल बांध रखे हैं साथ ही झोलाछाप डॉक्टरों के सहारे जी रहे हैं। बताया जाता है कि गांव में बीते 25 दिन के अंदर इन्फ्लूएंजा के कारण 28 लोगों की मौत हो चुकी। एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, गांव में एक झोलाछाप ने लोगों को चेतावनी दी कि कोरोना वायरस उनके पूर्वजों द्वारा की गई हत्याओं का बदला लेने के लिए आया है। गांव के मोहन लाल खतीक का कहना है कि घर के बाहर जूते बांधने से वायरस घरों में घुसने से डरता है। जो लोग इसका मजाक उड़ा रहे थे, उनकी मौत हो गईं, लेकिन हम लोग इसके लगाने से बचे हुए हैं। पिछले एक महीने में खतीक के तीन रिश्तेदारों की मौत हो चुकी, हालांकि मौत के कारण का अभी तक पता नहीं चला है। खतीक का मानना है कि अगर ये लोग अपने घरों के बाहर इसे टांग देते तो यह दिन देखने को नहीं पड़ता। जब मैंने इसे टांगा तो इन्ही लोगों ने मजाक उड़ाना शुरू कर दिया पर हम इसे टांगे रखे।