हाईकोर्ट ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह की जमानत याचिका की खारिज,सरेन्डर करने की दी दो हफ्ते की मोहलत

उत्तर प्रदेश लखनऊ
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लखनऊ, 12 अप्रैल (ए)। यूपी के मऊ जिले के गोहना के पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह हत्याकांड  में साजिश रचने के आरोपी पूर्व सांसद धनंजय सिंह की एफआईआर निरस्त करने अर्जी सोमवार हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने खारिज कर दी हैं। कोर्ट ने दो हफ्ते के अंदर धनंजय सिंह को सरेंडर करने के लिये कहा है। इस मामले में वह फरार हैं और पुलिस ने 25000 रुपए का इनाम घोषित किया है। पुलिस धनंजय सिंह को भगोड़ा घोषित कराने की तैयारी में है।
अजीत सिंह हत्याकांड में पूर्व बाहुबली सांसद धनंजय सिंह का नाम सामने आया था। गैंगवार में घायल शूटर राजेश तोमर का इलाज करने वाले सुल्तानपुर के डॉ. एके सिंह ने पुलिस के सामने धनंजय सिंह का नाम लिया। बताया कि उन्हें फोनकर घायल शूटर के इलाज के लिए कहा था। विभूतिखंड क्षेत्र में कठौता चौराहे के पास 6 जनवरी की रात  गोहना के पूर्व प्रमुख अजीत सिंह और उसके साथी मोहर सिंह पर शूटरों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाई थीं। अजीत को 25 गोलियां मारी गई थीं। अजीत सिंह पर 17 से अधिक आपराधिक मुकदमे दर्ज थे। उसके साथी मोहर सिंह की तहरीर पर आजमगढ़ के कुंटू सिंह, अखंड सिंह, शूटर गिरधारी समेत छह लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने धनंजय सिंह को गिरधारी के बयान के आधार पर हत्या की साजिश में शामिल होने का आरोपी बनाया था। अजीत सिंह की हत्या के बाद मुख्य शूटर गिरधारी को पुलिस ने मुठभेड़ में ढेर कर दिया था। शूटर संदीप बाबा, अंकुर, राजेश तोमर, मुस्तफा, मददगार प्रिंस, रेहान, अखंड जेल में बंद हैं।  पुलिस के साथ मुठभेड़ में घायल शूटर राजेश तोमर ने रिमांड के दौरान कई खुलासे किए थे।  जिसके बाद सुनील राठी का नाम भी इस हत्याकांड में जोड़ा गया है।