देवरिया (उप्र): 25 मई (ए)।) उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा छात्र-छात्राओं को वितरित किए जाने वाले 330 “टैबलेट” देवरिया सदर तहसील में बनाए गए स्ट्रांग रूम से गायब पाए गए हैं।
अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि जांच में कस्टोडियन (सरंक्षक) नायब नाजिर राकेश श्रीवास्तव की लापरवाही सामने आई है।
तहसीलदार कृष्ण कुमार मिश्र की तहरीर पर सदर कोतवाली में रविवार को नायब नाजिर के विरुद्ध संबंधित धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गयी और कोतवाली पुलिस उसे हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
देवरिया की ज्वाइंट मजिस्ट्रेट श्रुति शर्मा ने बताया कि महाविद्यालयों व शिक्षण संस्थाओं में छात्र-छात्राओं के बीच वितरण के लिए टैबलेट उपलब्ध कराए गए थे। सदर तहसील में बनाए गए स्ट्रांग रूम में टैबलेट रखे गए थे।
शुक्रवार को स्टाक के मिलान में 330 टैबलेट गायब होने की खबर मिली।
शर्मा ने बताया कि नायब तहसीलदार शिवेंद्र कौंडिल्य ने प्रकरण की जांच की। उनकी जांच में कस्टोडियन के रूप में तैनात नायब नाजिर की लापरवाही सामने आई है जिन्हें उनकी निगरानी का जिम्मा सौंपा गया था।
कौंडिल्य को दिए गए अपने बयान में श्रीवास्तव ने दावा किया कि 19 मई की रात में किसी ने स्ट्रांग रूम का ताला तोड़ दिया था।
श्रीवास्तव ने बयान में कहा कि अगले दिन जब उन्हें दरवाजे पर नया ताला लगा मिला तो उन्होंने उसे तोड़ दिया और नया ताला लगा दिया, लेकिन घटना की जानकारी उच्च अधिकारियों को नहीं दी।
जांच के अनुसार, कथित तौर पर टैबलेट को अधिकारियों की जानकारी के बिना स्ट्रांग रूम के बजाय किसी अन्य कमरे में रखा गया था।
शर्मा ने बताया कि श्रीवास्तव पर धोखाधड़ी से ताला बदलने और बिना किसी सक्षम अधिकारी को सूचित किए 330 टैबलेट का गबन करने का आरोप लगाया गया है।
उन्होंने कहा कि नायब नाजिर के विरुद्ध धोखाधड़ी का मुकदमा देवरिया कोतवाली में दर्ज कराया गया है। विभागीय कार्रवाई के लिए रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेज दी गई है और जल्द ही मामले में कार्रवाई की जाएगी।