दैनिक भास्कर पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की छापेमारी, कांग्रेस बोली- कोरोना पर सच दिखाने की कीमत चुका रहा संस्थान

राष्ट्रीय
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नई दिल्ली, 22 जुलाई (ए)। मीडिया संस्थान दैनिक भास्कर ग्रुप के दफ्तरों पर गुरुवार को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने छापेमारी की है। आयकर विभाग ने टैक्स चोरी के आरोपों में मीडिया समूह दैनिक भास्कर के विभिन्न शहरों में स्थित परिसरों पर आज छापे मारे। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि छापेमारी भोपाल, जयपुर, अहमदाबाद और कुछ अन्य स्थानों पर की जा रही है। हालांकि, दैनिक भास्कर पर छापेमारी की गूंज संसद में भी सुनाई दी और कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियों ने ऐसा हंगामा किया कि राज्यसभा की कार्यवाही भी कुछ समय के लिए स्थगित करनी पड़ गई।
समाचार एजेंसी के मुताबिक, दैनिक भास्कर पर रेड के खिलाफ संसद में विपक्षी दलों के सदस्यों ने मीडिया समूह दैनिक भास्कर पर टैक्स छापे और जासूसी विवाद पर जमकर नारेबाजी की, जिसके बाद राज्यसभा की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी गई। इधर, आधिकारिक सूत्रों की मानें तो यह कार्रवाई विभिन्न राज्यों में संचालित हिंदी मीडिया समूह के प्रवर्तकों के खिलाफ भी है।
दैनिक भास्कर पर छापेमारी को लेकर कांग्रेस नेता जयराम नरेश से लेकर दिग्विजय सिंह ने प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस के दिग्गज नेता जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘दैनिक भास्कर ने अपनी रिपोर्टिंग के जरिए मोदी सरकार की ओर से कोरोना के कुप्रबंधन का खुलासा किया था। अब उसे इसकी कीमत चुकानी पड़ रही है। यह अघोषित आपातकाल है, जैसा अरुण शौरी कहते हैं कि यह मोडीफाइड इमरजेंसी है।’
वहीं, कांग्रेस नेता एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ट्वीट किया और मोदी शाह की ओर से इसे पत्रकारिता पर प्रहार करार दिया है। दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया, ‘पत्रकारिता पर मोदीशाह का प्रहार! मोदी शाह का एक मात्र हथियार IT, ED और CBI!मुझे विश्वास है अग्रवाल बंधु डरेंगे नहीं।’ इसके आगे दिग्विजय सिंह ने लिखा, ‘दैनिक भास्कर के विभिन्न ठिकानों पर इनकम टैक्स इन्वेस्टिगेशन विंग की छापामार कार्रवाई शुरू। आधा दर्जन स्थानों पर मौजूद है इनकम टैक्स की टीम।’ 
गौरतलब है कि दैनिक भास्कर ग्रुप देश में कुल 5 समाचार पत्रों का प्रकाशन करता है। हिंदी, मराठी और गुजराती भाषा में उसके 65 संस्करण देश के अलग-अलग हिस्सों से प्रकाशित होते हैं। दैनिक भास्कर समाचार पत्र समूह ने इस साल अप्रैल और मई में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान बड़े पैमाने पर कवरेज की थी।