भारत और मालदीव ने छह समझौतों पर हस्ताक्षर किए

राष्ट्रीय
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नयी दिल्ली, दो अगस्त (ए) भारत और मालदीव ने मंगलवार को कई प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को विस्तार देने के लिए छह समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत ने मालदीव के सामने कोई भी जरूरत या संकट आने पर ‘पहली प्रतिक्रिया’ दी है और आगे भी देता रहेगा।

मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के साथ शिखर वार्ता के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने सभी परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए मालदीव को 10 करोड़ अमेरिकी डॉलर की अतिरिक्त ऋण सुविधा प्रदान करने की घोषणा की।

उन्होंने मीडिया को दिए बयान में कहा, ‘हमने आज ग्रेटर माले में 4,000 सामाजिक आवास इकाइयों के निर्माण की परियोजनाओं की भी समीक्षा की। मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि हम 2,000 सामाजिक आवास इकाइयों के लिए अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्रदान करेंगे।’

उन्होंने कहा, ‘हमने 10 करोड़ अमेरिकी डॉलर की अतिरिक्त ऋण सुविधा प्रदान करने का भी फैसला किया है ताकि सभी परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जा सके।’

उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों में नया जोश देखने को मिला है और नजदीकियां बढ़ीं हैं।

मोदी ने कहा, ‘‘कोविड महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद हमारे बीच का सहयोग व्यापक साझेदारी का रूप ले रहा है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हिंद महासागर में अंतरराष्ट्रीय अपराध, आतंकवाद और मादक पदार्थों की तस्करी का खतरा गंभीर है। और इसलिए, रक्षा व सुरक्षा के क्षेत्र में भारत और मालदीव के बीच घनिष्ठ संपर्क तथा समन्वय पूरे क्षेत्र की शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है।’

प्रधानमंत्री ने चुनौतियों से निपटने में अधिक द्विपक्षीय सहयोग के बारे में भी विस्तार से बताया।

उन्होंने कहा, ‘इसमें मालदीव के सुरक्षा बलों और उनके प्रशिक्षण के लिए क्षमता निर्माण में सहयोग शामिल है। मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत मालदीव के सुरक्षा कर्मियों के लिए 24 वाहन और एक नौसैनिक नौका प्रदान करेगा। हम मालदीव के 61 द्वीपों में पुलिस के लिए बुनियादी ढांचे के विकास में सहयोग करेंगे।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत 2030 तक नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करने में भी मालदीव की सहायता करेगा।

उन्होंने कहा कि भारत-मालदीव साझेदारी न केवल दोनों देशों के नागरिकों के हित में काम कर रही है, बल्कि यह स्थिरता का स्रोत भी बन रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मालदीव की किसी भी जरूरत या संकट पर भारत ने सबसे पहले प्रतिक्रिया दी है और आगे भी देता रहेगा। वहीं, मालदीव के राष्ट्रपति सोलिह ने कहा कि हम आतंकवाद के खतरे से निपटने के लिए दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराते हैं।

उन्होंने कहा, ‘मालदीव भारत का सच्चा मित्र बना रहेगा..भारत के साथ हमारे संबंध हमेशा सर्वोच्च प्राथमिकता पर रहेंगे।’

सोलिह एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ चार दिवसीय भारत यात्रा के लिए सोमवार को दिल्ली पहुंचे थे।

मालदीव हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के प्रमुख समुद्री पड़ोसियों में से एक है और पिछले कुछ वर्षों में रक्षा एवं सुरक्षा के क्षेत्रों सहित समग्र द्विपक्षीय संबंधों में वृद्धि हुई है।