भारत एक भी पाकिस्तानी विमान को न तो निशाना बना पाया और न ही नष्ट कर पाया: आसिफ का दावा

अंतरराष्ट्रीय
Spread the love

इस्लामाबाद: नौ अगस्त (ए) पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने शनिवार को दावा किया कि हालिया संघर्ष के दौरान भारतीय सशस्त्र बल उनकी फौज के किसी भी विमान को न तो निशाना बना पाए और न ही नष्ट कर पाए।

वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह ने कहा कि भारतीय वायुसेना (आईएएफ) ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पांच पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों और एक बड़े विमान को मार गिराया।

सिंह ने कहा, “हमें उस एडब्ल्यूसी हैंगर में कम से कम एक एडब्ल्यूसी तथा कुछ एफ-16 विमानों के होने का संकेत मिला है, जिनका वहां रखरखाव किया जा रहा है। हमारे पास कम से कम पांच लड़ाकू विमानों को मार गिराए जाने की पुष्ट जानकारी है जिसमें एक बड़ा विमान शामिल है, जो या तो विमान हो सकता है या फिर एडब्ल्यूसी (एयरबोर्न वॉर्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम), जिसे लगभग 300 किलोमीटर की दूरी से निशाना बनाया गया।”

इस ऑपरेशन के परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में मानवरहित हवाई वाहन (यूएवी), ड्रोन और उनकी कुछ मिसाइलें भी भारतीय क्षेत्र में गिरीं।

आसिफ ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में दावा किया कि भारत एक भी पाकिस्तानी विमान को न तो निशाना बना पाया और न ही नष्ट कर पाया।

उन्होंने कहा, ‘तीन महीने तक ऐसा कोई दावा नहीं किया गया – जबकि पाकिस्तान ने तत्काल बाद अंतरराष्ट्रीय मीडिया को विस्तृत तकनीकी जानकारी दी…’।

आसिफ ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तानी विमानों को नष्ट करने के बारे में भारतीय वायुसेना प्रमुख द्वारा देर से दिए गए बयान ‘उतने ही अविश्वसनीय हैं, जितने गलत समय पर ये दिए गए हैं।’

आसिफ ने दावा किया कि नियंत्रण रेखा पर भारतीय सशस्त्र बलों को भी भारी नुकसान हुआ। उन्होंने कहा, ‘अगर सच्चाई संदिग्ध है, तो दोनों पक्षों को अपने विमानों के भंडार को स्वतंत्र सत्यापन के लिए खोल देना चाहिए। हालांकि हमें संदेह है कि इससे वह सच्चाई उजागर हो जाएगी जिसे भारत छिपाना चाहता है।’

उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के हर उल्लंघन का एक तेज़, निश्चित और संतुलित जवाब दिए जाएगा।

पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए हमले के बाद भारतीय सशस्त्र बलों ने सात मई को पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों के खिलाफ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था।

भारत और पाकिस्तान के बीच एक-दूसरे पर चार दिनों तक ड्रोन और मिसाइल से हमला किये जाने के बाद संघर्ष समाप्त करने के लिए 10 मई को सहमति बनी।