गैंगेस्टर के मामले में माफिया मुख्तार अंसारी को कोर्ट ने सुनाई 10 साल की सजा

उत्तर प्रदेश गाजीपुर
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गाजीपुर/लखनऊ (उप्र), 27 अक्टूबर (ए) गाजीपुर की एक सांसद विधायक (एमपी-एमएलए) अदालत ने शुक्रवार को माफिया से नेता बने मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर कानून के तहत दर्ज एक मामले में 10 साल कैद की सजा सुनाई।.

अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अरविंद कुमार ने मुख्तार अंसारी पर पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। गाजीपुर के अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (आपराधिक) नीरज श्रीवास्तव ने बताया, अदालत ने सोनू यादव (मुख्तार अंसारी के गिरोह के सदस्य) को भी पांच साल कैद की सजा सुनाई और उस पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया।.श्रीवास्तव ने गाजीपुर से ‘ फोन पर बताया कि अदालत ने बृहस्पतिवार को मुख्तार अंसारी को दोषी करार दिया।

इस बीच, उप्र सरकार ने एक बयान में कहा कि मामले की सुनवाई के दौरान मुख्तार अंसारी को बांदा जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पेश किया गया।

बयान में कहा गया है कि अब तक कुल मिलाकर मुख्तार अंसारी को छह मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है।

श्रीवास्तव ने बताया कि 2009 में,करंडा पुलिस थाने के अंतर्गत सुआपुर गांव के एक सरकारी स्कूल के शिक्षक कपिलदेव सिंह की दो अज्ञात मोटरसाइकिल सवार व्यक्तियों ने हत्या कर दी थी। इस मामले में चंदन यादव और राधेश्याम हरिजन पर हत्या का मामला दर्ज किया गया था, जबकि मुख्तार अंसारी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया गया था।

मुहम्मदाबाद थाने से संबंधित मीर हसन की हत्या के प्रयास के मामले के बारे में श्रीवास्तव ने बताया कि मीर हसन एक स्थानीय व्यापारी थे, जिस पर सोनू यादव और एक अन्य व्यक्ति ने हमला किया था। दोनों ने जाने से पहले हसन से धमकी भरे अंदाज में कहा था कि मुख्तार अंसारी से जेल में मिल लेना वरना तुम्हें जान से मार देंगे।

उन्होंने बताया कि इसके बाद 2010 में मुख्तार अंसारी और सोनू यादव के खिलाफ गैंगस्टर कानून के तहत मामला दर्ज किया गया। श्रीवास्तव ने कहा कि जांच के दौरान राधेश्याम हरिजन की मौत हो गई थी, जबकि चंदन यादव को मामले में बरी कर दिया गया था और उन पर गैंगस्टर कानून के तहत मामला दर्ज नहीं किया गया था।

मुख्तार अंसारी मऊ विधानसभा क्षेत्र से 1996 से 2012 तक पांच बार विधायक रहे। गैंगस्टर से राजनेता बने मुख्तार ने 2022 का विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा और उनकी सीट पर उनके बेटे अब्बास अंसारी ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के टिकट पर जीत दर्ज की थी। फिलहाल मुख्तार अंसारी बांदा जेल में बंद हैं।