एनआईए अदालत ने 10 अलगाववादियों की जमानत याचिका खारिज की

राष्ट्रीय
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श्रीनगर, 25 सितंबर (ए) जम्मू-कश्मीर में यहां की एक विशेष अदालत ने प्रतिबंधित संगठन जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) को पुनर्जीवित करने की कोशिश के आरोप में गिरफ्तार किए गए 10 अलगाववादी नेताओं की जमानत याचिकाएं सोमवार को खारिज कर दीं।.

श्रीनगर के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एवं एनआईए अधिनियम के तहत नामित विशेष न्यायाधीश संदीप गंडोत्रा ने अलगाववादियों की याचिकाओं को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि अगर उन्हें इस स्तर पर जमानत दी गई, तो यह जनता और राज्य के हितों को खतरे में डाल देगा।.

अदालत ने कहा, ‘‘अपराध की प्रकृति व गंभीरता और राज्य के व्यापक हितों तथा इसकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, आरोपी व्यक्ति/आवेदक इस स्तर पर जमानत के हकदार नहीं हैं।’’

अदालत ने कहा, ‘‘इसके अलावा, यदि आरोपी व्यक्तियों/आवेदकों को इस स्तर पर जमानत पर रिहा कर दिया जाता है, तो सार्वजनिक हित/राज्य/केंद्रशासित प्रदेश के हित दांव पर लग जाएंगे। तदनुसार, आवेदनों को खारिज किया जाता है।’’

अदालत ने जमानत याचिकाओं की सुनवाई को एक साथ मिला दिया था।

जिन अलगाववादी नेताओं ने जमानत याचिका दायर की थी, उनमें फिरदौस अहमद शाह, जहांगीर अहमद भट, सहील उर्फ सुहैल अहमद मीर, खुर्शीद अहमद भट, सैयद रहमान शम्स, सज्जाद हुसैन गुल, मोहम्मद रफीक फालू, हसन पारे उर्फ फिरदौसी, मोहम्मद यासीन भट और शब्बीर अहमद डार शामिल हैं।

इन्हें जेकेएलएफ को पुनर्जीवित करने की कोशिश के आरोप में इस साल जुलाई में गिरफ्तार किया गया था। केंद्र ने मार्च 2019 में संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया था।