क्षेत्र में साफ छवि वाले अधिकारी को ही तैनात किया जाए : योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश लखनऊ
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लखनऊ: पांच अक्टूबर (ए)) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि राज्य कर विभाग में तैनाती का आधार केवल ‘‘प्रदर्शन’’ होगा और निर्देश दिए कि क्षेत्र (फील्ड) में केवल उन्हीं अधिकारियों को तैनात किया जाए, जो लक्ष्य प्राप्ति के प्रति प्रतिबद्ध हों तथा जिनकी छवि साफ-सुथरी हो।

मुख्यमंत्री रविवार को राज्य कर विभाग की राजस्व प्राप्तियों की अद्यतन स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जोनल अधिकारियों से सीधा संवाद किया।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जीएसटी में सुधार के बाद बाजार में तेजी देखी जा रही है और आने वाले महीनों में इसके सकारात्मक परिणाम अवश्य दिखाई देंगे।

उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि धनतेरस और दीपावली के अवसर पर अनावश्यक जांच अथवा छापेमारी से बचा जाए। व्यापारियों और उद्यमियों के उत्पीड़न की कोई शिकायत कहीं से भी नहीं आनी चाहिए।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, जोनवार समीक्षा के दौरान अवगत कराया गया कि बरेली (64.2 प्रतिशत), सहारनपुर (63.7 प्रतिशत), मेरठ (63 प्रतिशत), गोरखपुर (62.5 प्रतिशत) और झांसी (62.1 प्रतिशत) जैसे जोन का प्रदर्शन अपेक्षाकृत बेहतर रहा है, जबकि कुछ जोन में लक्ष्य पूर्ति 55 से 58 प्रतिशत के बीच रही, जहां सुधार की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री ने वाराणसी प्रथम व द्वितीय, गोरखपुर, प्रयागराज, अयोध्या, लखनऊ प्रथम व द्वितीय, कानपुर प्रथम व द्वितीय, इटावा, झांसी, आगरा, अलीगढ़, मुरादाबाद, मेरठ, गाजियाबाद प्रथम व द्वितीय, गौतमबुद्ध नगर और सहारनपुर सहित सभी जोन की संभागवार एवं खंडवार समीक्षा की।

उन्होंने सभी जोनल अधिकारियों से कहा कि 50 प्रतिशत से कम राजस्व संग्रह वाले खंडों की स्थिति का कारण स्पष्ट किया जाए और उसके सुधार के लिए तत्काल कार्ययोजना तैयार की जाए।

मुख्यमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि बरेली, झांसी और कानपुर प्रथम जोन में कोई भी खंड 50 प्रतिशत से कम संग्रह वाला नहीं है, जो कि संतोषजनक है। वहीं, कमजोर प्रदर्शन करने वालों की जवाबदेही तय करने के निर्देश दिए गए।

उन्होंने कहा कि करदाताओं की सुविधा और उनका विश्वास अर्जित करना ही स्थायी राजस्व वृद्धि का आधार है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि करदाता-अनुकूल वातावरण बनाते हुए ‘ई-गवर्नेंस’ प्रणाली को और अधिक सुदृढ़ किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘राजस्व वृद्धि राज्य की अर्थव्यवस्था को गति देने का आधार है। ‘विकसित उत्तर प्रदेश’ और ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य की दिशा में राज्य कर विभाग की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।’’