तियानजिन: एक सितंबर (ए)) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चीन की ‘‘सार्थक’’ यात्रा पूरी करने के बाद सोमवार को स्वदेश रवाना हो गए।इस यात्रा के दौरान मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भाग लिया और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग एवं रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सहित विश्व के नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ता की।
मोदी दो देशों की अपनी यात्रा के अंतिम चरण में यहां आए थे। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक ‘पोस्ट’ में कहा कि उन्होंने यहां ‘‘प्रमुख वैश्विक मुद्दों’’ को लेकर भारत के रुख पर जोर दिया।
मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘चीन की सार्थक यात्रा का समापन हुआ, जहां मैंने एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लिया और विश्व के विभिन्न नेताओं के साथ बातचीत की। साथ ही प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर भारत के रुख पर भी जोर दिया।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि वह शिखर सम्मेलन के ‘‘सफल आयोजन’’ के लिए राष्ट्रपति शी, चीन सरकार और देश की जनता के आभारी हैं।
मोदी की चीन यात्रा सात साल के अंतराल के बाद हुई।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को शंघाई सहयोग संगठन के वार्षिक शिखर सम्मेलन में सोमवार को कहा कि पहलगाम में हुआ भयावह आतंकवादी हमला न केवल भारत की अंतरात्मा पर आघात है, बल्कि यह मानवता में विश्वास रखने वाले प्रत्येक राष्ट्र के लिए एक खुली चुनौती भी है। उन्होंने आतंकवाद से निपटने में दोहरे मापदंड त्यागने की जोरदार वकालत की।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और वैश्विक नेताओं की उपस्थिति में मोदी ने वार्षिक शंघाई सहयोग संगठन को संबोधित करते हुए कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई ‘‘मानवता के प्रति हमारा कर्तव्य है’’।
प्रधानमंत्री ने समूह के प्रति भारत के दृष्टिकोण और नीति पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए शंघाई सहयोग संगठन के संक्षित नाम ‘एससीओ’ का नया अर्थ प्रस्तुत किया।
उन्होंने बताया, ‘‘एससीओ के ‘एस’ का अर्थ है ‘सिक्योरिटी’ यानी सुरक्षा, ‘सी’ का अर्थ है ‘कनेक्टिविटी’ यानी संपर्क और ‘ओ’ का अर्थ है ‘ऑपचुनिटी’ यानी अवसर।’’
इसके बाद मोदी ने भारत रवाना होने से पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से द्विपक्षीय वार्ता की और उनसे कहा कि यूक्रेन संघर्ष को यथाशीघ्र समाप्त करना मानवता का आह्वान है।
प्रधानमंत्री मोदी और रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने आर्थिक, वित्तीय और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग पर भी विचार-विमर्श किया तथा इन क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों के निरंतर आगे बढ़ने पर संतोष व्यक्त किया।
मोदी ने रविवार को शिखर सम्मेलन से इतर शी चिनफिंग के साथ भी बातचीत की।
दोनों नेताओं ने वैश्विक वाणिज्य को स्थिर करने के लिए व्यापार एवं निवेश संबंधों को बढ़ाने का संकल्प लिया और चुनौतियों से निपटने के लिए द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करने पर सहमति व्यक्त की। वे सीमा संबंधी गंभीर मुद्दे के ‘‘निष्पक्ष’’ समाधान की दिशा में काम करने पर भी सहमत हुए।
मोदी की शी एवं पुतिन के साथ बैठक ऐसे समय में हुईं जब भारत एवं अमेरिका के संबंध पिछले दो दशक के संभवतः सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की शुल्क नीति और उनके प्रशासन द्वारा भारत की लगातार आलोचना किए जाने के कारण संबंधों में तनाव बढ़ गया है।
मोदी जापान की दो दिवसीय यात्रा पूरी करने के बाद चीन पहुंचे थे।