पटना: 15 मई (ए) कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को पटना के एक सिनेमाघर में फिल्म ‘फुले’ देखी।
हाल ही में रिलीज यह ‘बायोपिक’ फिल्म 19वीं सदी के समाज सुधारक ज्योतिराव फुले और सावित्रीबाई फुले के जीवन पर आधारित है।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल ने दरभंगा में छात्रों से बातचीत के साथ बिहार का अपना एक दिवसीय दौरा शुरू किया। वह हेलीकॉप्टर से राज्य की राजधानी पहुंचे और सीधे शहर के बीचों-बीच स्थित एक मॉल में स्थित ‘मल्टीप्लेक्स’ पहुंचे।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं सहित राज्य भर के कई लोग पार्टी द्वारा जारी विशेष पास के साथ गांधी संग फिल्म देखने पहुंचे।
दरभंगा निवासी अशर्फी सदा ने कहा, ‘‘मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता हूं, पार्टी से जुड़ा नहीं हूं, फिर भी मैंने बिहार में राहुल गांधी के सभी हालिया कार्यक्रमों में भाग लिया है। उनके साथ फिल्म देखने का यह मेरा पहला मौका है।’’
जिला कांग्रेस कमेटी, पटना (ग्रामीण) के कार्यकारी अध्यक्ष उदय चंद्रवंशी ने कहा, ‘‘समाज के वंचित तबकों के लोगों के साथ फिल्म देखकर राहुल गांधी ने यह मजबूत संदेश दिया है कि वे दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों के हितों के लिए सड़क से संसद तक लड़ने के लिए समर्पित हैं।’’
हालांकि, गांधी के सिनेमाघर में प्रवेश करने के बाद कुछ लोगों ने बाहर हंगामा किया और आरोप लगाया कि पास होने के बावजूद उन्हें प्रवेश नहीं दिया गया।
नीलेश सिंह चंद्रवंशी ने आरोप लगाया, ‘‘मैं नवादा से आया हूं। कर्मचारियों ने हमें यह कहते हुए अंदर नहीं जाने दिया कि यह ‘हाउसफुल’ है। लेकिन ऐसा नहीं हो सकता, क्योंकि जारी किए गए पास की संख्या अंदर की सीट संख्या से अधिक नहीं हो सकती। यह राहुल गांधी के राजनीतिक विरोधियों की एक और शरारत लगती है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं माली समुदाय से हूं। इस प्रकार मैं ज्योतिबा फुले और रमाबाई का वंशज हूं। लेकिन मुझे हमारे नेता राहुल गांधी के साथ फिल्म देखने से रोका जा रहा है।’’