शीर्ष अदालत उप्र गैंगस्टर अधिनियम के तहज दर्ज मामले को खारिज करने की अर्जी पर सुनवाई को राजी

राष्ट्रीय
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नयी दिल्ली: 18 मई (ए) उच्चतम न्यायालय ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ एक याचिका पर सुनवाई करने के लिए सहमति जतायी है, जिसमें उत्तर प्रदेश गैंगस्टर एवं असामाजिक गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत दर्ज एक मामले में आरोपपत्र एवं कार्यवाही को खारिज करने का अनुरोध अस्वीकार कर दिया गया था।

न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने याचिकाकर्ता राज खान की याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है। खान के खिलाफ पीलीभीत जिले में उप्र गैंगस्टर अधिनियम के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी थी।खान ने अपनी वकील तन्वी दुबे के मार्फत यह याचिका उच्चतम न्यायालय में दायर की है। उसमें कहा गया है, ‘‘सीआरपीसी की धारा 482 के तहत याचिकाकर्ता के आवेदन को खारिज करने का उच्च न्यायालय का आदेश याचिकाकर्ता के लिए बहुत कठिनाई एवं नाइंसाफी पैदा कर रहा है, क्योंकि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत प्राप्त जीवन की उनकी स्वतंत्रता एव निजी स्वतंत्रता बाधित हुई है।’’

याचिका में आरोप लगाया गया है कि उत्तर प्रदेश गैंगस्टर के तहत यह प्राथमिकी बस पिछली एक प्राथमिकी के आधार पर दर्ज कर दी गयी है, जो कानून की प्रक्रिया का पूर्ण दुरुपयोग है।

याचिका में कहा गया है कि इस कथित मामले के सिवा याचिकाकर्ता की कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं है तथा उसके खिलाफ गैंगस्टर अधिनियम लगाना न केवल उसके प्रति पूर्वाग्रह को दर्शाता है, बल्कि ‘विशुद्ध रूप से व्यक्तिगत प्रतिशोध हेतु पुलिस एवं न्यायिक मशीनरी का गंभीर दुरुपयोग भी होगा।’

उसमें कहा गया है, ‘‘याचिकाकर्ता के विरुद्ध संबंधित आरोपपत्र का दाखिल किया जाना एवं कार्यवाही शुरू किया जाना प्रथम दृष्टया व्यक्तिगत नाराजगी के चलते याचिकाकर्ता से बदला लेने का निहित स्वार्थ एवं दुर्भावना है। और उसकी वजह है कि याचिकाकर्ता ने वित्तीय अनियमितताओं एवं कदाचार को लेकर उत्तर प्रदेश के सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष से शिकायत की थी।’’

याचिका में शीर्ष अदालत से इस मामले में आरोपपत्र और पूरी कार्यवाही खारिज करने का अनुरोध किया गया है।

उसमें दावा किया गया है, ‘‘उच्च न्यायालय यह तथ्य समझ नहीं पाया कि याचिकाकर्ता, जो निर्दोष नागरिक है, धोखाधड़ी, कदाचार, वक्फ संपत्तियों से अर्जित आय के दुरुपयोग के खिलाफ आवाज उठाने के चलते बदमाशों के हाथों शिकार हो गया है।’’