सैन्य प्रशिक्षण के दौरान दिव्यांग हुए कैडेट्स की हालत पर न्यायालय ने लिया स्वत: संज्ञान

राष्ट्रीय
Spread the love

नयी दिल्ली: 17 अगस्त (ए)) उच्चतम न्यायालय ने उन कैडेट्स के समक्ष आ रही कठिनाइयों का स्वत: संज्ञान लिया है, जिन्हें प्रशिक्षण कार्यक्रमों के दौरान दिव्यांग होने के कारण चिकित्सा आधार पर सैन्य संस्थानों से बाहर कर दिया जाता है।

न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ सोमवार को इस मामले पर सुनवाई करेगी। यह मामला 12 अगस्त को तब दर्ज किया गया था जब एक मीडिया रिपोर्ट में इन कैडेट्स के मुद्दे को उठाया गया था।ये कैडेट कभी राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) और भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) जैसे देश के शीर्ष सैन्य संस्थानों में प्रशिक्षण का हिस्सा थे।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 1985 से अब तक लगभग 500 अधिकारी कैडेट्स को प्रशिक्षण के दौरान हुई विभिन्न प्रकार की दिव्यांगता के कारण चिकित्सा आधार पर सैन्य संस्थानों से बाहर कर दिया गया। रिपोर्ट के अनुसार अब ये लोग बढ़ते चिकित्सा बिलों का सामना कर रहे हैं और उन्हें दी जा रही मासिक अनुग्रह राशि बेहद कम है।

इसमें कहा गया है कि अकेले एनडीए में ही लगभग 20 ऐसे कैडेट हैं, जिन्हें 2021 से जुलाई 2025 के बीच केवल पांच वर्षों में चिकित्सा आधार पर सेवा से बाहर किया गया।