भदोही (उप्र): छह अगस्त (ए)। यूपी के भदोही जिले में अदालत के आदेश पर पुलिस ने एक विवाहिता के प्रसव के दौरान कथित तौर पर लापरवाही बरतने, दुर्भावना और साजिश के चलते मृत शिशु के पैदा होने के आरोप में एक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधीक्षक समेत तीन कर्मचारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
कोइरौना थाना के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) मनोज कुमार ने बताया कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) सबीहा खातून के आदेश पर यह कार्रवाई की गई है.जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) संतोष कुमार चक ने बताया कि मझगवां गांव निवासी दिनेश यादव इसी वर्ष 20 अप्रैल की रात करीब एक बजे अपनी पत्नी अर्चना यादव (22) के प्रसव के लिए उसे डीघ स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे थे लेकिन वहां कोई नहीं था।उन्होंने बताया कि दिनेश ने दो घंटे बाद अधीक्षक को फोन किया और फिर चार घंटे बाद नर्स और अन्य कर्मचारी वहां पहुंचे जिसके बाद प्रसव के दौरान अर्चना ने मरे हुए बच्चे को जन्म दिया।दिनेश ने नौ मई को दर्ज कराई शिकायत में आरोप लगाया था कि पूरे स्वास्थ्य कर्मचारियों ने रात एक बजे फोन करने और बुलाने से नाराज़ होकर धमकी दी और दुर्भावना से बच्चे की हत्या कर दी।सीएमओ चक ने बताया कि इसकी जांच में चिकित्सा अधीक्षक ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि अर्चना यादव के गर्भ में पांच दिन पहले ही बच्चे की मौत हो चुकी थी, जिसका सामान्य तरीके से प्रसव कराया गया।थाना प्रभारी ने बताया कि मामले में दिनेश ने 15 मई को सीजेएम सबीहा खातून की अदालत में एक याचिका दायर कर आरोप लगाया कि अगर नौ माह का बच्चा पांच दिन पहले ही गर्भ में मर जाता तो वह सड़ चुका होता और इससे मां की भी मौत हो जाती, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधीक्षक की जांच रिपोर्ट ‘‘कल्पना से परे है।’’
यादव ने अदालत से कहा कि पुलिस और स्वास्थ्य विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की तब उसे अदालत की शरण में आना पड़ा।
सीजेएम ने मामले की सुनवाई करते हुए सोमवार को मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया।
कोइरौना थाने के प्रभारी ने बताया कि अदालत के आदेश पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र डीघ के चिकित्सा अधीक्षक डॉ फूल चंद बिन्द, नर्स राधा गुप्ता और अन्य कर्मचारी संगीता के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 315 (शिशु को जिंदा पैदा होने से रोकने या जन्म के बाद उसकी मौत का कारण बनना), 316 (गैर इरादतन हत्या), 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत प्राथमिकी दर्ज कर विधिक कार्रवाई की जा रही है।