विदेश यात्रा करना संवैधानिक अधिकार है: दिल्ली की अदालत

राष्ट्रीय
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नयी दिल्ली: 25 जनवरी (ए) दिल्ली की एक अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय को धनशोधन के एक मामले में ‘क्वालिटी लिमिटेड’ कंपनी के पूर्व प्रवर्तक सिद्धांत गुप्ता के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) निलंबित करने का निर्देश दिया है और कहा कि विदेश यात्रा संवैधानिक अधिकार है।

प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अंजू बजाज चांदना ने उस याचिका को स्वीकार कर लिया है जिसमें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को 25 जनवरी से आठ फरवरी तक जारी एलओसी को निलंबित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है, ताकि वह (गुप्ता) अपनी बेटी को छोड़ने के लिए सिंगापुर जा सके और आगे की पढ़ाई के लिए उसकी व्यवस्था कर सके।न्यायाधीश ने शुक्रवार को पारित एक आदेश में कहा, ‘‘मुक्त आवाजाही के अधिकार में विदेश यात्रा करना भी शामिल है और यह आवेदक का संवैधानिक अधिकार है। आवेदक ने सीमित अवधि और एक विशिष्ट उद्देश्य के लिए विदेश यात्रा की अनुमति मांगी है। मेरी राय में यदि सीमित अवधि के लिए एलओसी को निलंबित कर दिया जाता है और आवेदक को विदेश यात्रा की अनुमति दी जाती है, तो ईडी को कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा।’’न्यायाधीश ने कहा कि गुप्ता की अग्रिम जमानत याचिका अदालत में लंबित है और 30 जनवरी को सुनवाई निर्धारित है और बीसीआई द्वारा दर्ज एक संबंधित मामले में आरोपी को पहले विदेश जाने की अनुमति दी गई थी।

बीसीआई द्वारा दर्ज मामले के आधार पर ही ईडी ने जांच शुरू की है।

ईडी की ओर से पेश हुए विशेष लोक अभियोजक अतुल त्रिपाठी ने अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि ईडी द्वारा प्राथमिकी (ईसीआईआर) में जांच जारी है और आवेदक का भारत से जाना देश के आर्थिक हित के लिए हानिकारक होगा और ‘‘व्यापक सार्वजनिक हित को देखते हुए इस तरह के मामले में देश से बाहर जाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए’’।

उन्होंने कहा कि इस बात की पूरी आशंका है कि अगर गुप्ता को विदेश यात्रा की अनुमति दी जाती है तो वह भारत वापस नहीं लौटेगा।

ईडी के अनुसार, गुप्ता और कंपनी के सह-प्रवर्तक संजय ढींगरा ने ‘क्वालिटी लिमिटेड’ का कारोबार बढ़ाने के लिए कई मुखौटा कंपनियां और संस्थाएं बनाईं।

उन पर ‘क्वालिटी लिमिटेड’ द्वारा बैंकों के संघ से लिये गए ऋण के पैसे को स्वयं और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर तथा संस्थानों के नाम पर संपत्ति बनाने के उद्देश्य से धोखाधड़ी करने का आरोप है।