ठाणे, 29 अक्टूबर (ए) लोकसभा सदस्य और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता सुनील तटकरे ने रविवार को कहा कि पूर्व में मराठा समुदाय को दिए गए आरक्षण एवं न्यायपालिका में उसके सामने आयी मुश्किल को देखते हुए राज्य सरकार चाहती है कि समुदाय को कोटा इस तरह से दिया जाए जो कानूनी रूप से मजबूत हो ।.
तटकरे ने संवाददाताओं से कहा कि शिवसेना, राकांपा (अजित पवार गुट)और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ‘महायुति’ राज्य में ‘मिशन 45प्लस’ के लिए काम कर रही है और आश्वस्त है कि आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी को महाराष्ट्र में 45 सीट मिलेंगी।.उन्होंने कहा कि महायुति के घटकों के बीच सीटों का बंटवारा उचित तरीके से होगा और राज्य एवं केंद्र के नेता इसमें पक्षकार होंगे।
राकांपा नेता ने दोहराया कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में महाराष्ट्र सरकार मराठा समुदाय को आरक्षण देने को लेकर प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने मराठा समुदाय को दिए आरक्षण और न्यायपालिका के समक्ष सामने आए मुद्दों का इतिहास देखा है।’’
अजित पवार नीत राकांपा गुट के प्रदेश अध्यक्ष तटकरे ने कहा कि समुदाय द्वारा की जा रही आरक्षण की मांग न्यायोचित है और यह मिलनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि मराठा समुदाय को राणे समिति की रिपोर्ट के आधार पर आरक्षण दिया गया था लेकिन वह अदालत में नहीं टिक सका। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कानूनी रूप से टिकने वाला आरक्षण समुदाय को देना चाहती है।
राकांपा नेता ने सकल मराठा समाज के नेतृत्व में चल रहे विरोध प्रदर्शन का संदर्भ देत हुए कहा कि उनकी पार्टी आरक्षण के मुद्दे पर राज्य में सामने आ रही आत्महत्या की घटनाओं पर चिंतित है।
इससे पहले दिन में तटकरे जब शहर में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने आए तो मराठा महासंघ के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने उन्हें काले झंडे दिखाए और विरोध में नारेबाजी की।
राकांपा नेता ने बाद में मराठा नेताओं से मुलाकात की और आरक्षण के मुद्दे और सरकार के रुख पर चर्चा की।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल नेताओं में एक रमेश अम्ब्रे ने कहा, ‘‘ जब भी तटकरे हमारे कस्बे या शहर में आते हैं तो हमें उनसे मिलने की अनुमति नहीं मिलती। इसलिए, हमने उन्हें काले झंडे दिखाए।’’ उन्होंने कहा कि राकांपा नेता ने आश्वस्त किया कि वह इस मुद्दे को दिल्ली में उठाएंगे।