अब प्रियंका ने भी कहा कि, गांधी परिवार से बाहर का हो अध्यक्ष

राष्ट्रीय
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नई दिल्ली,19 अगस्त एएनएस। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने राहुल गांधी की उस बात का समर्थन किया है जिसमें उन्होंने कहा था कि गांधी परिवार के बाहर के व्यक्ति को कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त किया जाना चाहिए। ‘इंडिया टुमॉरो’ नामक किताब को दिए एक इंटरव्यू में प्रियंका गांधी वाड्रा ने यह बात कही।
सोनिया गांधी के कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर 10 अगस्त को एक साल का कार्यकाल पूरा हो गया। पार्टी का कहना है कि नया अध्यक्ष चुनने के लिए जल्द ही प्रक्रिया शुरु की जाएगी। तब तक कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर सोनिया गांधी जिम्मेदारी निभाती रहेंगी। पार्टी के अंदर पूर्णकालिक अध्यक्ष चुने जाने की मांग लगातार जोर पकड़ती रही है। कांग्रेस की ज्यादातर बैठकों में राहुल गांधी को फिर से पार्टी की कमान सौंपे जाने की मांग के बावजूद भी राहुल अध्यक्ष पद में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। राहुल गांधी लगातार कांग्रेस के अध्यक्ष गांधी परिवार से इतर तलाशे जाने की बात करते रहे। राहुल के स्वर में सुर मिलाते हुए उनकी बहन और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने पार्टी की कमान किसी गैर गांधी शख्स को सौंपे जाने की वकालत की है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने राहुल गांधी की उस बात का समर्थन किया है जिसमें उन्होंने कहा था कि गांधी परिवार के बाहर के व्यक्ति को कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त किया जाना चाहिए। ‘इंडिया टुमॉरो’ नामक किताब को दिए एक इंटरव्यू में प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा,  ”राहुल गांधी ने कहा कि हम में से कोई पार्टी का अध्यक्ष नहीं होना चाहिए और मैं इससे पूरी तरह सहमत हूं। मुझे लगता है कि पार्टी को अपने रास्ते की तलाश करनी चाहिए।” चुनाव में शिकस्त पर बात करते हुए  प्रियंका गांधी ने यह माना कि यूपीए सरकार के दौरान कांग्रेस की मीडिया रणनीति बनाने वाली टीम जब तक सचेत हुई तब तक बीजेपी के आरोपों पर आम लोग यकीन कर चुके थे। 
गौरतलब है कि 2019 के आम चुनाव के नतीजे आने के बाद हार की जिम्मेदारी लेते हुए राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था और कांग्रेस नेताओं के सामने बहुत बड़ी चुनौती रख दी – ऐसे अध्यक्ष की तलाश करो जो गांधी परिवार से न हो। काफी मशक्कत के बाद नतीजा “ढाक के तीन पात। फिर से एक बार कांग्रेस की खोज बीमारियों से जूझ रहीं सोनिया गांधी पर ही आकर रूकी।एक साल बीत जाने के बाद भी स्थिति जहां की तहां ही है।