आंबेडकर समान नागरिक संहिता के समर्थन में थे :रामदास आठवले

राष्ट्रीय
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अहमदाबाद, 12 जुलाई (ए) केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने यहां बुधवार को कहा कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) मुसलमानों या आदिवासी समुदाय के हितों को नुकसान नहीं पहुंचाएगा।.

उन्होंने कहा कि डॉ भीम राव आंबेडकर यूसीसी के समर्थन में थे, और धार्मिक सद्भाव के लिए इसकी आवश्यकता है।.

केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री ने संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया, ‘‘कांग्रेस यह दुष्प्रचार कर रही है कि भाजपा और इसकी सरकार संविधान को बदल देगी।’’

आठवले ने कहा, ‘‘विपक्ष द्वारा यह दुष्प्रचार किया जा रहा है। हिंदुओं और मुसलमानों के बीच एकता एवं सद्भाव सुनिश्चित करने के लिए यूसीसी की जरूरत है। यहां तक कि संविधान निर्माता आंबेडकर भी यूसीसी के समर्थन में थे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं सभी मुसलमानों से यह कहना चाहता हूं कि यूसीसी आपके खिलाफ नहीं है। इसपर राजनीति करने के बजाय सभी राजनीतिक दलों को इसका समर्थन करना चाहिए। सभी आदिवासी इसके खिलाफ नहीं हैं। यह कानून आदिवासियों, दलितों, हिंदुओं या मुसलमानों के खिलाफ नहीं है। यूसीसी लाने के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है।’’

विधि आयोग ने जून में यूसीसी पर धार्मिक संगठनों और लोगों से विचार एवं सुझाव आमंत्रित करते हुए एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया था।

आठवले ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ‘मुस्लिम विरोधी’ या ‘दलित विरोधी’ नहीं है।

आठवले दलितों और अन्य वंचित समुदायों के लिए विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति के बारे में गुजरात सरकार के अधिकारियों के साथ एक बैठक करने के लिए यहां आए हैं।

उन्होंने कहा कि विपक्षी दल चाहे जितनी भी कोशिश क्यों ना कर लें, 2024 के लोकसभा चुनावों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) 325 से अधिक सीट पर जीत हासिल करेगी और मोदी लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री बनेंगे।

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को अगला प्रधानमंत्री बनने का मौका नहीं मिलेगा और कांग्रेस नेता को हर मुद्दे को राजनीतिक रंग नहीं देना चाहिए।

विपक्षी दलों के एकजुट होने की कोशिशों पर रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) नेता ने कहा, ‘‘यदि विपक्ष की जीत हुई तो प्रधानमंत्री कौन बनेगा? हर नेता, ममता बनर्जी से लेकर के. चंद्रशेखर राव, अखिलेश यादव, नीतीश कुमार और यहां तक कि अरविंद केजरीवाल खुद को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बता रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘वहीं दूसरी ओर, प्रधानमंत्री पद के लिए हमारे एकमात्र उम्मीदवार मोदी हैं और मेरी पार्टी उनका समर्थन करेगी।’’

आठवले ने कहा, ‘‘यह सच है कि अत्याचार अब तक हो रहे हैं। लेकिन हाल के समय में स्थिति बेहतर हुई है। सामान्य वर्ग के कई लोग दलितों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं। हमें आगे आने और जाति प्रथा का उन्मूलन करने की जरूरत है।’’उन्होंने कहा कि गुजरात में 2021-22 में 1,030 और 2022-23 में 1,117 अंतरजातीय विवाह हुए।