इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने राज नारायण हत्या मामले में निचली अदालत के रिकॉर्ड मांगे

उत्तर प्रदेश प्रयागराज
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प्रयागराज (उप्र), एक जुलाई (ए) इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री रहे अंगद यादव की अपील पर आजमगढ़ के अधिवक्ता राज नारायण की हत्या के मामले में निचली अदालत से रिकॉर्ड मांगे हैं। अंगद यादव को इस मामले में आजीवन कारावास की सजा हुई थी।.

न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी और न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया की पीठ ने अंगद यादव द्वारा दायर आपराधिक अपील पर पिछले बुधवार को यह आदेश पारित किया। अंगद यादव ने सांसद-विधायकों के लिए आजमगढ़ की विशेष एमपी-एमएलए अदालत के निर्णय को चुनौती दी है।.उल्लेखनीय है कि आजमगढ़ के सिधारी थाने में दर्ज की गई प्राथमिकी के मुताबिक, 19 दिसंबर, 2015 की सुबह कांग्रेस नेता और अधिवक्ता राज नारायण सिंह सैर पर निकले थे और रेलवे स्टेशन के पास ओवरब्रिज के नीचे उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

राज नारायण की पत्नी सुधा सिंह ने पूर्व मंत्री अंगद यादव के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराया था।

जांच में यह तथ्य प्रकाश में आया कि अंगद यादव की बेटी का विवाह राज नारायण ने तय कराया था। विवाह के कुछ दिन बाद, अंगद यादव की बेटी के सास ससुर के साथ मुकदमा शुरू हो गया। वैवाहिक मामले को वापस लेने को लेकर राज नारायण और अंगद यादव के बीच संबंधों में तनाव पैदा हो गया था।

आजमगढ़ की विशेष एमपी-एमएलए अदालत ने पूर्व मंत्री अंगद यादव समेत चार आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी और प्रत्येक पर 20-20 हजार रुपये जुर्माना लगाया था।

पूर्व मंत्री ने आजीवन कारावास की सजा के खिलाफ यह आपराधिक अपील दायर की है।