छत्तीसगढ़ में भारी बारिश से जनजीवन प्रभावित

छत्तीसगढ़ रायपुर
Spread the love

रायपुर, 29 अगस्त (ए) छत्तीसगढ़ में पिछले दो दिनों हो रही भारी बारिश के कारण जनजीवन प्रभावित हुआ है और इस बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बारिश प्रभावित लोगों तक तत्काल राहत मुहैया कराने के निर्देश अधिकारियों को दिये हैं ।

राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुक्रवार शाम अपने निवास कार्यालय में वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से राज्य के सभी जिलों में अतिवृष्टि, नदी-नालों के उफान तथा बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने सभी जिला कलेक्टरों को अतिवृष्टि तथा बाढ़ की वजह से लोगों की जान की सुरक्षा के कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का निर्देश दिया।

अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने इस दौरान कहा कि अत्यधिक बारिश होने की वजह से कई जिलों में जन-जीवन प्रभावित हुआ है। कोविड-19 संक्रमण के साथ-साथ अतिवृष्टि और बाढ़ की स्थिति से निपटना दोहरी चुनौती है।

उन्होंने सभी संभागों के आयुक्तों, जिला कलेक्टरों तथा पुलिस अधीक्षकों को स्थिति पर लगातार निगरानी रखने तथा बाढ़ से प्रभावित लोगों को तत्परता से राहत पहुंचाने का निर्देश दिया।

बघेल ने कहा कि लगातार बारिश की वजह से राज्य के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गयी है । नदी-नाले उफान पर हैं। शहरी इलाकों में निचली बस्तियों में भी पानी भर गया है। बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालना तथा उन्हें राहत शिविरों में ठहराने के साथ ही उनके भोजन-पानी तथा स्वास्थ्य की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए राहत शिविरों में भी सामाजिक मेल जोल की दूरी के नियमों का पालन किया जाना चाहिये और सेनेटाईजेशन सहित अन्य इंतजाम भी किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि बाढ़ की वजह से पेजयल स्रोत दूषित हो जाते हैं, ऐसी स्थिति में उन इलाकों के लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जानी चाहिए। उन्होंने बाढ़ प्रभावित इलाकों के पेयजल स्रोतों के क्लोरीनाईजेशन और चिकित्सा की व्यवस्था भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

बैठक में जानकारी दी गई कि राज्य में अतिवृष्टि की वजह से प्रभावित लोगों को सुरक्षित रखने के लिए 219 राहत शिविर संचालित किए जा रहे हैं। अतिवृष्टि और बाढ़ की वजह से 11 हजार 942 मकान आंशिक तथा पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। बीते 24 घंटे में राज्य के जांजगीर-चांपा, बिलासपुर, रायगढ़ तथा रायपुर में सर्वाधिक बारिश रिकार्ड की गई है। जांजगीर-चांपा, रायगढ़, राजनांदगांव और बलौदाबाजार में कहीं-कहीं बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गयी है ।

बैठक में जांजगीर-चांपा जिले के कलेक्टर ने बताया कि महानदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। जिले में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए हीराकुण्ड बांध का गेट कलेक्टर संबलपुर से आग्रह कर खुलवा दिया गया है। उन्होंने बताया कि जिले में अतिवृष्टि तथा बाढ़ की वजह से चार हजार मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। जिले में बाढ़ प्रभावित 2091 लोगों को 45 राहत शिविरों में ठहराया गया है।

रायगढ़ जिले के कलेक्टर ने भी बताया कि बरमकेला इलाके के 18 और पुसौर क्षेत्र के नौ गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। जिले में 21 राहत शिविर में 2389 लोगों को ठहराया गया है।

बलौदाबाजार में अतिवृष्टि की 26 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए है और यहां 24 शिविरों में 1393 लोगों को ठहराया गया है। कलेक्टर बलौदा बाजार ने बताया कि बाढ़ में फंसे 35 लोगों को सुरक्षित निकाल कर राहत शिविर में पहुंचाया गया है।

राजनांदगांव जिले के कलेक्टर ने बताया कि राजनांदगांव-कवर्धा मार्ग बंद है। खैरागढ़ स्थित आमनेर नदी के पुल के ऊपर पानी बह रहा है। शिवनाथ नदी के किनारे की बस्तियों में पानी भरा है। उन्होंने बताया कि जिले के मोंगरा बैराज, सूखा नाला और घुमरिया बैराज से 38 हजार क्यूबिक मीटर पानी छोड़ा जा रहा है।