जो सनातन रावण, कंस के अहंकार और बाबर, औरंगजेब के अत्याचार से नहीं मिटा, वह क्या मिटेगा’

राष्ट्रीय
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लखनऊ सात सितंबर (भाषा) ‘सनातन धर्म’ विवाद पर बिना किसी का नाम लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को कहा कि जो सनातन रावण, कंस के अहंकार और बाबर, औरंगजेब के अत्याचार से नहीं मिटा, वह इन तुच्छ सत्ता परजीवियों से क्या मिट पाएगा ?.

मुख्यमंत्री आदित्यनाथ बृहस्पतिवार को राजधानी के पुलिस लाइन में आयोजित श्रीकृष्ण जन्माष्टमी समारोह में बोल रहे थे

उन्होंने कहा, आज जब पूरा देश सकारात्मक दिशा में बढ़ने के लिए कार्य कर रहा है। अपनी विरासत का सम्मान करते हुए एक नयी ऊर्जा से आगे बढ़ने का कार्य कर रहा है। बहुत सारे लोगों को यह अच्छा नहीं लग रहा। भारत की प्रगति भारत की समृद्धि, वैश्विक मंच पर भारत जिसे एक नये अवतार के रूप में जाना जा रहा है।

कुछ लोगों को यह अच्छा नहीं लग रहा है।’’ आदित्यनाथ ने कहा, आज पूरा देश गौरव महसूस कर रहा है कि आजादी के अमृत महोत्सव में भारत नयी उपलब्धियों के साथ दुनिया में जाना जा रहा है। लेकिन इन उपलब्धियों को कहीं न कहीं कमजोर करने के लिए उनके द्वारा भारत, भारतीयता, भारत की सनातन परंपरा पर उंगली उठाने का प्रयास हो रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘विरासत को अपमानित करने और विरासत के प्रति समाज की दृष्टि को कमतर करने का कुत्सित प्रयास हो रहा है। लेकिन यह सब भूल गये हैं कि जो सनातन नहीं मिटा था रावण के अहंकार से, जो सनातन नहीं डिगा था कंस के अहंकार से, जो सनातन नहीं मिटा था बाबर और औरंगजेब के अत्याचार से।

वह सनातन इन तुच्छ सत्ता परजीवी जीवों से क्या मिट पाएगा। आज इनको स्वयं अपने कृत्यों पर लज्जित होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मानवता का धर्म जो सनातन धर्म है, उस पर उंगली उठाने का मतलब मानवता को संकट में डालने का कुत्सित प्रयास है। आदित्यनाथ ने कहा, याद करिए दुनिया का कौन ऐसा मत, मजहब और संप्रदाय हैं जिसके संकट के समय पलक पांवड़े बिछाकर उसके स्वागत के लिए सनातन धर्मावलंबियों ने उनकी सुरक्षा और उनके संरक्षण का कार्य नहीं किया है। हमने कभी नहीं कहा हम विशिष्ठ हैं। कोई सनातन धर्मावलंबी यह नहीं कहता हम विशिष्ठ हैं, या हमीं सब कुछ हैं।’’

तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) की युवा इकाई के सचिव एवं राज्य के युवा कल्याण मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने तीन सितंबर को सनातन धर्म को ‘समानता एवं सामाजिक न्याय’ के खिलाफ बताते हुए कहा कि इसका उन्मूलन किया जाना चाहिए। उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना कोरोना वायरस, मलेरिया, और डेंगू वायरस एवं मच्छरों से होने वाले बुखार से करते हुए कहा कि ऐसी चीजों का विरोध नहीं करना चाहिए, बल्कि इन्हें समाप्त कर देना चाहिये