झारखंड में भारत बंद का मिला-जुला असर

झारखण्ड रांची
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रांची (झारखंड), आठ दिसंबर (ए) नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के ‘भारत बंद’ के आह्वान का झारखंड में मंगलवार को मिला-जुला असर दिखा।

यहां लगभग सभी सरकारी कार्यालय खुले रहे, लेकिन निजी संस्थान एवं दुकानें आंशिक तौर पर बंद रहीं। राज्य में स्थानीय यातायात अधिकतर सामान्य है, लेकिन अंतरराज्यीय यातायात ठप है।

राज्य की राजधानी रांची, धनबाद, हजारीबाग, जमशेदपुर, पलामू, दुमका, बोकारो, साहिबगंज और पाकुड़ समेत सभी 24 जिलों में बंद का मिला-जुला असर दिखा और कहीं से भी किसी प्रकार की अप्रिय घटना का समाचार नहीं है।

झारखंड के पुलिस महानिदेशक एम वी राव ने बताया कि राज्य के सभी जिलों में स्थिति शांतिपूर्ण है और कहीं से भी किसी प्रकार की अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।

इस बीच, रांची में केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार के सभी कार्यालय सामान्य ढंग से खुले हैं लेकिन निजी संस्थानों, दुकानों तथा व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर बंद का आंशिक असर है।

झारखंड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स ने बंद का विरोध किया है, जबकि सत्ताधारी झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस एवं राष्ट्रीय जनता दल के साथ वामपंथी दलों ने बंद का समर्थन किया है और रांची समेत अनेक शहरों में इसके समर्थन में प्रदर्शन किए।

झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष तथा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रविवार को बयान जारी कर बंद का पूर्ण समर्थन किया था और कहा था कि किसानों की मांगें पूरी तरह उचित हैं और उनकी पार्टी इसका पूर्ण समर्थन करती है।

इसी प्रकार कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने बंद का समर्थन करते हुए कहा कि किसानों के साथ केन्द्र की मोदी सरकार लगातार नाइंसाफी कर रही है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पहले भूमि अधिग्रहण कानून लाकर 2015 में किसानों को बदहाल करने की कोशिश की और अब कृषि कानून लाकर वह किसानों को पूंजीपतियों का गुलाम बनाना चाहती है।

राजद और वामपंथी दलों ने भी केन्द्र सरकार पर किसान विरोधी होने के आरोप लगाये और भारत बंद का समर्थन किया।

दूसरी ओर, मुख्य विपक्षी भाजपा ने मुख्यमंत्री के बंद का समर्थन करने पर सवाल उठाया।

झारखंड भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता सरोज सिंह ने मुख्यमंत्री के ट्विटर पर दिये गये बयान की कड़ी आलोचना की जिसमें उन्होंने कहा था कि वह आठ दिसम्बर को कृषि बिल के खिलाफ बन्द का समर्थन करेंगे।

उन्होंने सवाल किया कि क्या मंगलवार को मुख्यमंत्री बन्द कराने सड़क पर उतरेंगे और क्या अराजकता, तोड़-फोड़ एवं झड़पों पर पुलिस करवाई नहीं करेगी?

सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री के इस तरह के बयान के बाद पुलिस मूक दर्शक की भूमिका में रहेगी क्योंकि राज्य के मुख्यमंत्री ने बंद का समर्थन किया है ।

उन्होंने मुख्यमंत्री के बंद के समर्थन के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को राज्य में छुट्टी घोषित कर देनी चाहिए और प्रशासन को बंदी करने एवं करवाने के काम में लगा देना चाहिए।

इस बीच, भारत बंद के चलते जहां सभी जिलों में स्थानीय यातायात पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा है, वहीं अंतरराज्यीय बस सेवाएं ठप हैं।

दुमका में पट्टाबाड़ी चौक पर झामुमो ने सड़क बाधित कर बंद का समर्थन किया।

पलामू में बंद के दौरान भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के पूर्व झारखंड प्रदेश सचिव कृष्ण देव सिंह ने पीटीआई-भाषा के साथ बातचीत में आरोप लगाया कि ब्रिटिश कंपनी चुनिंदा व्यापारियों के हितों को ध्यान में रखकर ही कायदे-कानून बनाया करती थी, ताकि कृषि क्षेत्र में सत्ता का एकाधिकार स्थापित हो और यही काम मोदी सरकार कर रही है।

किसान सभा के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष सिंह ने पलामू प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर में दर्जनों समर्थकों के साथ प्रदर्शन किया।