पुणे, एक अगस्त (ए) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि आज देश में नीतियों और लोगों की कड़ी मेहनत दोनों में बेहद भरोसा (ट्रस्ट सरप्लस) झलकता है।.
मोदी ने पुणे में आयोजित एक कार्यक्रम में यह बात कही, जिसमें उन्हें लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने मोदी के साथ मंच साझा किया।.
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मोदी ने कहा कि तिलक लोगों को संबोधित करने के लिए अहमदाबाद गए थे और 40,000 से ज्यादा लोग उन्हें सुनने आए थे।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘उनमें (सरदार वल्लभभाई) पटेल भी थे, जिन पर उनके भाषण का गहरा प्रभाव पड़ा। बाद में, पटेल अहमदाबाद नगर निगम के अध्यक्ष बने। उनकी सोच को देखिए। उन्होंने अहमदाबाद में तिलक की प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय लिया और इसके लिए विक्टोरिया गार्डन को चुना, जो महारानी विक्टोरिया की याद में बनाया गया था।”
मोदी ने कहा कि पटेल को काफी विरोध का सामना करना पड़ा क्योंकि उन्हें रोकने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने संकल्प लिया कि अगर गार्डन में तिलक की प्रतिमा स्थापित करने की अनुमति नहीं दी गई तो वह अपना पद छोड़ देंगे।
उन्होंने कहा, “अंततः प्रतिमा स्थापित की गई और 1929 में महात्मा गांधी ने तिलक की प्रतिमा का अनावरण किया। अहमदाबाद में रहते हुए मुझे कई बार इस प्रतिमा के दर्शन करने का अवसर मिला।” मोदी ने कहा कि कोई कल्पना कर सकता है कि गुलामी के समय में सरदार पटेल ने ‘देश के बेटे’ के लिए ब्रिटिश साम्राज्य को चुनौती दी थी।
उन्होंने कहा, ‘आज के परिदृश्य में, अगर किसी विदेशी आक्रमणकारी के नाम पर बनी सड़क का नाम किसी भारतीय व्यक्तित्व के नाम पर रखा जाता है, तो कुछ लोग हल्ला मचाने लगते हैं, उनकी नींद खराब हो जाती है।’
मोदी ने कहा, ‘कोविड-19 महामारी के दौरान, भारत ने अपने वैज्ञानिकों पर विश्वास किया और उन्होंने एक भारतीय वैक्सीन बनाई और पुणे ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हम ‘आत्मनिर्भर भारत’ के बारे में बात कर रहे हैं क्योंकि हम जानते हैं कि भारत ऐसा कर सकता है।’
प्रधानमंत्री ने कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई में पुणे के योगदान की भी सराहना की।
इस अवसर पर पवार ने कहा कि भारत में पहली सर्जिकल स्ट्राइक छत्रपति शिवाजी के कार्यकाल में हुई थी।
राकांपा नेता ने कहा कि देश ने दो युग देखे हैं- एक तिलक का और दूसरा महात्मा गांधी का।