पटना, 18 अक्टूबर (ए) बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को राष्ट्रपति के तौर पर बिहार के पहले दौरे पर आयीं द्रौपदी मुर्मू को पुरानी बातों की याद दिलायी।.
कुमार ने करीब एक वर्ष पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से नाता तोड़ लिया था। वह केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार पर अपेक्षित सहयोग नहीं करने का आरोप लगाते रहे हैं।.कुमार ने अपनी सरकार के ‘चौथे कृषि रोडमैप’ की शुरुआत के मौके पर बोलते हुए, मुर्मू के साथ व्यक्तिगत संबंध होने का उल्लेख किया। मुर्मू का यह राष्ट्रपति के तौर पर बिहार का पहला दौरा है।
जनता दल यूनाइटेड (जदयू) नेता कुमार ने कहा, ‘‘मैं माननीय राष्ट्रपति को उन दिनों से जानता हूं जब मैं स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाले केंद्रीय मंत्रिमंडल में मंत्री था। वह अपने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर मुझसे संपर्क करती थीं, जिन्हें मैं अपनी क्षमता से हल करने का पूरा प्रयास करता था।’’
मुर्मू ओडिशा में विधायक रह चुकी हैं जहां भाजपा का राज्य के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की बीजू जनता दल (बीजद) के साथ गठबंधन था लेकिन दोनों दल वर्ष 2009 में अलग हो गए थे।
कुमार ने राष्ट्रपति चुनाव के दौरान मुर्मू की उम्मीदवारी को अपनी पार्टी के समर्थन का परोक्ष तौर पर उल्लेख भी किया। बिहार में भाजपा के साथ जदयू के नाता तोड़ने से करीब एक महीने पहले ही मुर्मू राष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचित हुई थीं।
मुर्मू की ओर मुखातिब होते हुए बिहार के मुख्यमंत्री कुमार ने कहा, ‘आप यहां तीन दिन रहेंगी, जिस दौरान आप कई स्थानों का दौरा करेंगी। हालांकि मैं आपसे हर तीन से चार महीने में एक बार राज्य के दौरे का कार्यक्रम बनाने का आग्रह करूंगा। बिहार आपके गृह राज्य से बहुत दूर नहीं है…यह वह भूमि भी है जिसने देश को उसका पहला राष्ट्रपति (राजेंद्र प्रसाद) दिया।’’
कुमार ने अपने संबोधन के दौरान आर्लेकर का भी उल्लेख करते हुए कहा, ‘आप केंद्र द्वारा नियुक्त व्यक्ति हो सकते हैं, लेकिन मेरे मन में इसके खिलाफ कुछ भी नहीं है।’’
कुमार ने कहा, ‘मैं आपसे आग्रह करूंगा कि आप राज्य में दौरे करें और खुद देखें कि आज पेश किए गए कृषि रोडमैप को लागू किया जा रहा है या नहीं। बेझिझक मेरे साथ अपनी प्रतिक्रिया साझा करें।’
उन्होंने स्थानीय लहजे में कहा, ‘‘मेरा बतवा मानिएगा ना? इस पर आर्लेकर ने मुस्कुराते हुए सहमति में सिर हिलाया।